इससे पहले जब राज्य को ताउते चक्रवात का खतरा था, तो इसी तरह मंदिर पर 2 झंडे फहराए गए थे। द्वारकाधीश के मंदिर में 2 झंडे फहराए जाने के बाद चक्रवात ताउते का खतरा कम हो गया था। इस प्रकार एक बार फिर द्वारकाधीश में आस्था के साथ एक साथ 2 ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया।
तेज हवा के कारण द्वारका मंदिर का ध्वज टूट गया। द्वारका जगत मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज भी टूट गया। आज सुबह दो में से एक ध्वज पूरी तरह टूट गया। भक्त तब मांग कर रहे हैं कि ध्वज को बदल देना चाहिए, क्योंकि द्वारका जगत मंदिर का ध्वज सिर्फ एक कपड़ा नहीं है बल्कि लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक है।
इतिहास में पहली बार द्वारका में लगातार 5 दिनों तक ध्वजा नहीं फहराई जाएगी। तूफान की आशंका के बीच जगत मंदिर पर 17 जून तक एक भी झंडा नहीं फहराया जाएगा। यह ध्वज कालिया ठाकुर के चरणों में अर्पित किया जाएगा।
चक्रवात ‘बिपरजॉय’ फिलहाल जखाऊ से 280 किमी दूर है। जबकि यह द्वारका से 290 किमी और पोरबंदर से 350 किमी और नलिया से 310 किमी दूर है। तूफान फिलहाल 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात की ओर बढ़ रहा है। चक्रवात 15 जून को गुजरात से टकरा सकता है। तब से गुजरात के सभी तटीय जिलों में प्रशासन अलर्ट हो गया।
मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से घर में सुरक्षित रहने की अपील की है।
Compiled: up18 News
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