दिल्ली में 200% बढ़े साइबर क्राइम के मामले, जून तक म‍िलीं 24000 शिकायतें

Regional

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक दिल्ली में हुए अधिकतर मामले पड़ोस के मेवात क्षेत्र और झारखंड के जामताड़ा से जुड़े होते हैं जो साइबर फ्रॉड का हब माना जाता है. इस बार सिर्फ मामलों में ही बढ़ोतरी नहीं हुई है, बल्कि लोगों को करोड़ों रुपये का चूना भी लगा है. इस साल जून तक लोग साइबर फ्रॉड के चक्कर में करीब 168 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं, पिछले साल ये राशि 42 करोड़ ही थी.

कैसे चूना लगाते हैं ठग?

एक अधिकारी के मुताबिक, साइबर क्राइम के मामले में कई तरह की चीज़ें निकलकर सामने आती हैं. इनमें ई-मेल टेकओवर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड, ई-वॉलेट, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग के फ्रॉड से जुड़े मामले आते हैं. क्योंकि पिछले कुछ साल में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का चलन बढ़ा है और इसी का फायदा साइबर अपराधियों ने उठाया है. पुलिस का कहना है कि घोटालेबाजों ने लोगों से पैसे ऐंठने और ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई रास्ते अपना लिए हैं.

दिल्ली में अभी हर जिले में साइबर पुलिस स्टेशन है, जो इस तरह के मामलों को देखता है. इन मामलों की स्टडी जो बताती है, उसके अनुसार लोग बैंक अधिकारी, कस्टमर केयर अधिकारी, दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मी बनकर लोगों को शिकार बनाते हैं, कई मामलों में तो ओटीपी लेकर पैसे लूट लिए जाते हैं. अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई बार पुलिस अधिकारी या जांच अधिकारी बनकर पैसे लिए जाते हैं और महिलाओं को आसानी से शिकार बनाया जाता है.

दिल्ली पुलिस का दावा है कि वह इस तरह के मामलों में लगातार कई अभियान चलाती है, ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके. हालांकि, इनका कितना असर जमीन तक पहुंचता है यह भी एक बड़ा सवाल है. आज जब काफी हदतक चीज़ें डिजिटली रूप ले चुकी हैं, तब इस तरह के मामलों में अधिक सतर्कता बरती जाने की अपील की जा रही है.

– एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.