उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार सुबह बड़ा हंगामा हो गया। हिंदू पक्ष द्वारा जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा किए जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर सर्वे टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान बड़ी संख्या में उपद्रवी इकट्ठा हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। मौके पर डीएम, एसपी सहित भारी पुलिस बल तैनात है, जबकि पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने जामा मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए हैं और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और पीएसी बल तैनात किए गए हैं। इससे पहले, सपा सांसद जिया उर रहमान के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया था। मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा विवाद का मुख्य कारण बना हुआ है, और पुलिस-प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
‘जो बाधा डालेंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी’
वहीं शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक सर्वेक्षण दल के पहुंचने पर पथराव की घटना पर अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि “न्यायालय के आदेश का पालन करवाना ये सरकार और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। उसका पालन करवाया जाएगा और जो न्यायालय के आदेश के अनुपालन में बाधा डालेंगे उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई होगी।”
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, संभल में शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद बना हुआ है। हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद मौजूद हैं, वहां श्री हरिहर मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है। इसी के बाद मामला बढ़ते-बढ़ते कोर्ट तक पहुंच गया है। इसके बाद मंगलवार (19 नवंबर) को विवाद में बड़ा फैसला देते हुए कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया।
वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि संभल में श्री हरिहर मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होगा। 1529 में बाबर ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। उसी को लेकर दावा पेश किया गया है। यह एक ASI संरक्षित इलाका है। वहां बहुत सारे चिन्ह और निशान हैं जो मंदिर के है।
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