वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी से जुड़े सभी सात मामलों की सुनवाई अब एक साथ होगी। संबंधित प्रार्थना पत्र पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश सुनाया। मां श्रृंगार गौरी प्रकरण की चार वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से कोर्ट में आवेदन दिया गया और कहा गया था कि किरन सिंह विसेन व अन्य की ओर से ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी के संबंध में दाखिल मुकदमों को जिला जज की कोर्ट में स्थानांतरित कर एक साथ सुना जाए।
इस अर्जी पर सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश के लिए तिथि तय कर दी गई थी। लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी ने मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के पक्ष में अपनी बात रखी थी। अधिवक्ताओं ने कहा कि ज्ञानवापी के सभी मामले एक जैसे हैं। इनकी अलग-अलग सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
वजू के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारियों से रमजान की अवधि के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में ‘वज़ू’ और वॉशरूम की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 18 अप्रैल यानी कल एक बैठक बुलाने के लिए कहा है। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में रमजान के पवित्र महीने के दौरान नमाज अदा करने से पहले वजूखाना को सील किए जाने को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शीर्ष कोर्ट ने पिछले साल 11 नवंबर को उस क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दी थी जहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था।
Compiled: up18 News