मथुरा में आयोजित हुई देश की पहली अंतर्राष्ट्रीय हाथियों की स्वास्थ्य देखभाल कार्यशाला

Press Release

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा यूरोप और अमरीका से आए अंतरराष्ट्रीय हाथी विशेषज्ञों की उपस्थिति में आज देश की पहली पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हाथियों की स्वास्थ्य देखभाल कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।कार्यशाला पूरे भारत में फील्ड में मौजूद पशु चिकित्सकों की क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है और पशु चिकित्सकों को बेहतर ढंग से अत्याधुनिक तकनीक के बारे में ज्ञान प्रदान करने पर केंद्रित है।

यूपी वन विभाग और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार के सहयोग से वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अमेरिका और यूरोपीयन संगठन जैसे एलिफेंट केयर इंटरनेशनल, वर्क फॉर वाइल्डलाइफ इंटरनेशनल, स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट और रॉटरडैम, नीदरलैंड्स के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं।

कार्यशाला का उद्घाटन आज कई वरिष्ठ वन अधिकारियों के साथ मुख्य अतिथि वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के डॉ पराग निगम की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला 3 मार्च 2023 तक चलेगी जिसमें पांच दिनों तक भारतीय पशुचिकित्सकों को मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस हाथी अस्पताल परिसर में आधुनिक तकनीक और हाथियों में होने वाली बीमारियों के इलाज का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश राज्यों से लगभग 2 दर्जन पशु चिकित्सा अधिकारियों और नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी भी उपस्थित रहेंगे।

इसका उद्देश्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के कौशल को बढ़ाना और उन्हें हाथियों के व्यवहार, उनकी स्वास्थ्य देखभाल, बीमारियों, बूढ़े हाथियों का रखरखाव, पैरों की देखभाल आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर ज्ञान प्रदान करना है।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि, डॉ. पराग निगम, एम.वी.एस.सी, वैज्ञानिक-जी, वन्यजीव स्वास्थ्य प्रबंधन विभाग, वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, रजनीकांत मित्तल, आई.एफ.एस, डी.एफ.ओ मथुरा, आदर्श कुमार, आई.एफ.एस, डी.एफ.ओ आगरा, दिवाकर श्रीवास्तव, डी.सी.एफ राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य परियोजना और आरुषि मिश्रा, आई.एफ.एस आगरा वन प्रभाग, डॉ. के.के. सरमा, प्रोफेसर और प्रमुख, पशु चिकित्सा सर्जरी विभाग, गुवाहाटी पशु चिकित्सा कॉलेज असम, कार्तिक सत्यनारायण, सह-संस्थापक और सी.ई.ओ वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस, गीता शेषमणि, सचिव और वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की सह संस्थापक, अल्पना आहूजा, वाइल्डलाइफ आर्टिस्ट, बैजूराज एम.वी., वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस यू.एस.ए से निक्की शार्प और डॉ. एस इलयाराजा आदि शामिल रहे।

सप्ताह भर में, प्रतिभागी विभिन्न प्रकार के कौशल सीखेंगे और हाथियों के स्वास्थ्य और कल्याण विशेषज्ञों डॉ. सुसान के. मिकोटा, डॉ. विलेम शेफ्टरनार, डॉ. जेनाइन एल. ब्राउन, डॉ. हॉलिस बरबैंक-हैमरलंड और वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस पशु चिकित्सकों से उचित ज्ञान प्राप्त करेंगे।

सुनील चौधरी, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन, उत्तर प्रदेश ने कहा, “हम अमेरिका और यूरोप के विशेषज्ञों से एलिफेंट सेंटर मथुरा में हाथियों के प्रबंधन और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जानने के लिए भारत भर से प्रतिभागियों को पाकर बहुत खुश हैं। “

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “भारत के पहले हाथी अस्पताल में आयोजित यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला एक मॉडल है कि कैसे सफल सहयोग से उचित ज्ञान और पशुचिकित्सा सेवाओं में व्यापक लाभ ला सकता है।”

डॉ. सुसान के. मिकोटा, डी.वी.एम- डायरेक्टर ऑफ वेटरनरी प्रोग्राम्स एंड रिसर्च एलीफेंट केयर इंटरनेशनल, यू.एस.ए ने कहा, “हम भारत में आकर और क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके खुश हैं।”

गीता शेषमणि ने कहा, “सप्ताह भर चलने वाली कार्यशाला विशेष रूप से पूरे भारत में वन्यजीव अभयारण्य, चिड़ियाघर, बचाव केंद्र और हाथी शिविर में हाथियों के साथ काम करने वाले पशु चिकित्सकों के लिए डिज़ाइन की गई है। “

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “मथुरा के हाथी केंद्र में प्रयोगशालाओं, फील्डवर्क और अन्य शिक्षण तकनीकों का उपयोग करके कार्यशाला विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाया जाएगा। प्रतिभागी एक-दूसरे और प्रशिक्षकों के साथ केस स्टडी साझा करने में भी सक्षम होंगे।”