आगरा: वोटर लिस्ट से बाहर हुए अपने मतदाताओं को जोड़ने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे पार्षद

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नए परिसीमन और आरक्षण को लेकर पार्षदों की नींद उड़ी

निकाय चुनाव: तमाम वार्डों के मतदाता नई वोटर लिस्ट में शिफ्ट
पार्षद और उनकी पत्नी का नाम मतदाता सूची से गायब
इसी सप्ताह हो सकती है नए आरक्षण की घोषणा

आगरा: नगर निकाय चुनाव के लिए जारी किए नए परिसीमन ने पार्षदों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसके अलावा अनेक पार्षद प्रस्तावित आरक्षण सूची को लेकर भी परेशान हैं। उन्हें आशंका है कि नई आरक्षण सूची में उनके वार्ड की स्थिति न बदल जाए। नए परिसीमन में तमाम वार्डों के मतदाताओं को नई वोटर लिस्ट में शिफ्ट किया गया है। इससे पार्षदों का गणित बिगड़ गया है। अब वे प्रशासनिक अधिकारियों के पास वोटर लिस्ट से बाहर हुए अपने मतदाताओं को जोड़ने के लिए अफसरों चक्कर काट रहे हैं।

पार्षदों का कहना है कि निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों की लापरवाही से उनके वार्ड के हजारों लोगों के नाम हट गए हैं जबकि वे 30-35 वर्षों से निकाय चुनाव में वोट करते चले आ रहे हैं।

नगर निगम सीमा में अब 100 वार्ड हैं। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में 90 वार्डों के लिए चुनाव हुआ था। दस नये वार्ड बढ़ाए जाने से वार्डों में आने वाली तमाम कालोनियों के हजारों मतदाता इधर से उधर शिफ्ट हो गए हैं। निर्वाचन कार्य में लगीं एडीओ निर्मला फौजदार का कहना है कि शिफ्टिंग में 9-10 वार्ड प्रभावित हो गए हैं। जिनमें सिकंदरा के वार्ड संख्या 88 केके नगर, सोहल्ला वार्ड, दहतोरा वार्ड में परेशानियां आयीं हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने नामाकंन के अंतिम दिन तक मतदाताओं के नाम जोड़ने की अनुमति दी है अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो वे अपना नाम लिस्ट में जुड़वा सकता है।

वार्ड 96 (अब 88) के प्रताप सिंह गुर्जर का कहना है कि वे वर्तमान में पार्षद हैं। उनका नाम मतदाता सूची से गायब है। उनके साथ उनकी पत्नी पूर्व पार्षद रजनी गुर्जर का भी नाम सूची में नहीं है। उनके परिवार के सभी लोगों के नाम वार्ड की सूची में नहीं है। इस बारे उन्होंने कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

सिकंदरा के केके नगर वार्ड 88 के निवासी हर्ष तिवारी का कहना है कि उन्होंने पिछले निकाय चुनाव में वोट किया था, लेकिन इस बार उनका नाम सूची से गायब है। उनके परिवार के नौ लोगों के वोट सूची में नहीं हैं। सिकंदरा की दुर्गा कालोनी के रहने वाले रविंद्र शर्मा का कहना है कि करीब 30-35 वर्षों से वे निकाय चुनाव में वोटिंग करते आए हैं। उनके वार्ड की वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। पार्षद प्रताप सिंह का कहना है कि वार्ड 88 से गायत्री नगर, कृष्णा कालोनी, महादेव नगर, बाई का बाजार, शिवा कुंज आदि कालोनियों के हजारों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के नये आदेश के अनुसार किसी वार्ड में अगर मतदाता का नाम नहीं है तो रजिस्ट्रीकरण अधिकारी उक्त व्यक्ति का नाम सूची में जोड़ सकते हैं। यह प्रक्रिया नामाकंन के अंतिम तिथि तक की जा सकती है।

इसी सप्ताह आएगी आरक्षण सूची!

इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि यूपी नगर निकायों की आरक्षण सूची तैयार करने के बाद मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के सामने आरक्षण प्रस्तुत किया जा चुका है। जल्द ही इस आरक्षण सूची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया जाएगा। यहां से फाइनल होने के बाद पांच दिसंबर को आरक्षण सूची जारी करने की तैयारी चल रही है।

एक बैठक के दौरान निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को दो चरणों में कराने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक आठ जनवरी तक उत्तर प्रदेश के सभी नगर निकाय के चुनाव संपन्न हो जाएंगे। यानी नए साल में सभी नगर निकायों में नया बोर्ड बनाये जाने की तैयारी है।