भाषण से खत्म नहीं होता भ्रष्टाचार, सिस्टम में बदलाव लाकर ही कम किया जा सकता है: रक्षा मंत्री

National

सिंह ने बताया कि बैठक समाप्त होने के बाद मैंने कहा कि ये बताइए मोदी जी, इतनी जल्दी सब अकाउंट्स खुल जाएंगे लोगों के। उन्होंने यह भी पूछा कि इसका उद्देश्य क्या है? तब पीएम ने जवाब दिया था, ‘राजनाथ जी आगे देखिए।’

तब मुझे राजीव गांधी याद आए

रक्षा मंत्री ने आज यह किस्सा सुनाते हुए बताया, ‘मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान के हर परिवार में लोगों के अकाउंट्स बैंक में खुल गए हैं। बात मेरी समझ में तब आई जब डीबीटी के माध्यम से लोगों को पैसा ट्रांसफर होना शुरू हुआ। और मुझे राजीव गांधी जी की बात याद आई। राजीव गांधी जी हमारे देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने (राजीव) कहा था कि मैं क्या करूं, 100 पैसा ऊपर से भेजता हूं, बमुश्किल 15 पैसा लोगों तक नीचे पहुंच पाता है। एक प्रकार से उन्होंने लाचारी व्यक्त की थी। मैं प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आलोचना नहीं कर रहा हूं और सामान्यत: राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हुए मुझे आपने कभी नहीं सुना होगा कि मैंने किसी प्रधानमंत्री को क्रिटिसाइज किया हो।’

राजनाथ ने आगे कहा कि पॉलिसी को लेकर जरूर कुछ बातें हो सकती हैं। मैं क्रिटिसाइज नहीं कर रहा हूं क्योंकि मैं मानता हूं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व्यक्ति नहीं होते, संस्था होते हैं। उन्होंने एक मजबूरी व्यक्त की थी और उसे एक चैलेंज के रूप में अगर किसी ने स्वीकार किया तो आज के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वीकार किया। आज अगर 100 पैसा बैंकों से चलता है तो 100 पैसा लोगों की जेब में पहुंचता है।

भाषण से खत्म नहीं होता भ्रष्टाचार

रक्षा मंत्री ने कहा कि करप्शन केवल भाषण देकर कम नहीं किया जा सकता है, खत्म करना तो बहुत बड़ी बात है। मैं यह दावा नहीं कर रहा हूं कि भ्रष्टाचार को हमने पूरी तरह से खत्म कर दिया है। यह कोई नहीं कर सकता। पता नहीं, सतयुग में रहा होगा कि नहीं रहा होगा मुझे नहीं मालूम। लेकिन करप्शन को सिस्टम में बदलाव लाकर ही कम किया जा सकता है। इस काम को हमारे प्रधानमंत्री ने प्रारंभ किया है। 9 वर्षों में ऐसे बहुत सारे काम किए हैं।

Compiled: up18 News