भारत की तरफ से मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में एक मिलिट्री बेस का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। पिछले दिनों भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस शारदा ने पोर्ट लुइस की यात्रा की है। इस यात्रा के कई मायने हैं। भारत पोर्ट लुईस के अगालेगा द्वीप पर जिस मिलिट्री बेस का काम पूरा होने को है, उसके बाद उसे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल हो सकती है। इस अड्डे का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। इसके साथ ही यहां पर जल्द ही हवाई और नौसैनिक संपत्तियों को लंबे समय तक तैनात किया जा सकता है।
क्या है इसका मकसद
डेकन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में बनाए जा रहे इस मिलिट्री बेस के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असल मकसद हिंद महासागर में भारत की शक्ति का प्रदर्शित करना है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर भी होंगे और यह समझौता भी बड़ा रणनीतिक कदम माना जा रहा है। इन सभी के जरिए दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर में भारत की मजबूत शक्ति को दुनिया के सामने दिखाने की कोशिश की जाएगी। यह वह क्षेत्र है जहां पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) लगातार आक्रामक हो रही है।
मॉरीशस के लिए बनेगा सैटेलाइट
मंगलवार को आईएनएस शारदा ने पोर्ट लुईस का दौरा किया है। यह जहाज अभी यहीं पर रुका हुआ है। जहाज के पोर्ट लुइस में रहने के दौरान, भारतीय नौसेना और मॉरीशस के नेशनल कोस्ट गार्ड के बीच अगले तीन दिनों में संयुक्त बंदरगाह और समुद्री प्रशिक्षण अभ्यास के साथ-साथ निगरानी से जुड़ी एक एक्सरसाइज भी होगी। इस निगरानी अभ्यास में पूर्वी अफ्रीका देशों में मौजूद एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) पर नजर रखने का अभ्यास किया जाएगा। भारत अब मॉरीशस के साथ एक अहम डील साइन करने वाला है। पोर्ट लुईस के साथ होने वाले इस समझौते का मकसद मॉरीशस के लिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का विकास करना है।
तैनात होंगे सर्विलांस एयरक्राफ्ट
भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन भारत से मॉरीशस में गिरमिटिया मजदूरों के पहुंचने के 189 साल पूरे होने के मौके पर देश की यात्रा करेंगे। वह दो दिनों तक पोर्ट लुईस की यात्रा पर रहेंगे। उनकी मौजूदगी में सैटेलाइट के विकास से जुड़े एक एमओयू पर साइन होगा। पोर्ट लुइस में भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर मॉरीशस द्वीप के मुख्य बंदरगाह पर आईएनएस शारदा के पहुंचने की जानकारी दी।
सूत्रों की मानें तो अगालेगा द्वीप में विमानों की सही पार्किंग के लिए जेटी, रनवे और हैंगर का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। मॉरीशस की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए, भारत अपने कुछ बोइंग पोसीडॉन 8I को तैनात करने पर विचार कर सकता है।
Compiled: up18 News