कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर बोले, मैने कभी मोदी को चाय वाला नहीं कहा

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मोदी की 2014 में नवाज शरीफ से मुलाकात पर बोले अय्यर

मणिशंकर अय्यर ने  2014 में पीएम मोदी और तब के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच लाहौर में भेंट पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी और शरीफ की मुलाकात के बाद ही उरी और पुलवामा हमले हुए थे। इस पर अय्यर ने कहा कि नवाज शरीफ ने मई 2014 में भारत आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था और इस बात पर सहमति बनी थी कि बातचीत फिर से शुरू की जाएगी, लेकिन बातचीत को रद्द कर दिया गया क्योंकि पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात की थी। मोदी नाटकीय हाव-भाव में विश्वास करते हैं, इसलिए वे लाहौर में नवाज शरीफ से मिलने आए।

मैने कभी पीएम मोदी को चाय वाला नहीं कहा

अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान चाय वाला वाले बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मैंने उन्हें कभी चाय वाला नहीं कहा। मैं आपको चुनौती देता हूं, मैं अपने सभी दर्शकों और पाठकों को चुनौती देता हूं कि वे जनवरी 2014 के उस साक्षात्कार को देखें। यह अभी भी यूट्यूब पर है। ऐसा कोई समय नहीं है जब मैंने उन्हें तब या बाद में चाय वाला कहा हो। मोदी ने खुद को चाय वाला कहा।

मैं दिसंबर 2017 की एक और घटना का जिक्र कर रहा था जब उन्होंने मेरे बयान ‘नीच’ को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था। मैं पुष्टि कर सकता हूं कि मेरा राजनीतिक जीवन 2016 में समाप्त हो गया था, लेकिन मैं अभी भी कुछ नेहरूवादी कांग्रेसियों में से एक हूं। मुझे कांग्रेस का सदस्य बनने के लिए पार्टी में किसी पद की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस मुझे बाहर निकाल सकती है लेकिन कोई भी कांग्रेस को मेरे दिल से बाहर नहीं निकाल सकता।

पत्नी ने कहा, पाकिस्तान तो दुश्मन देश है न?

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अय्यर ने एक किस्से का जिक्र किया। अय्यर ने बताया कि एक घटना ने मेरे दिलो दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ा था। सिखों का एक समूह हमारे दरवाजे पर आया और पूछा की कि क्या कोई मुस्लिम परिवार नीचे रहता है। लड़कों में से एक मेरा सबसे करीबी दोस्त था। मेरी माँ ने तुरंत कहा कि परिवार चला गया है और मैं कहने वाला था कि नहीं, वह नीचे रहता है। लेकिन मैंने खुद को रोक लिया और इस तरह परिवार बच गया।

अपनी युवावस्था के दौरान मैं विभाजन की डरावनी कहानियाँ सुनता रहा और फिर मुझे कराची में सेवा करने का अवसर मिला। जैसा कि मैंने पाकिस्तान पर अपने अध्याय में बताया है, मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा- ‘यह एक दुश्मन देश है, है ना?’ यह सवाल कराची में मेरे 2 वर्षों के दौरान मेरे दिमाग में गूंजा और पिछले 40 वर्षों से मेरे दिमाग में बना हुआ है।

राजीव गांधी के बड़ा पेड़ वाले बयान पर अय्यर की सफाई

बातचीत में उनसे पूर्व पीएम राजीव गांधी के बड़ा पेड़ गिरता है वाले बयान पर भी सवाल किया गया। अय्यर ने कहा कि आप कभी भी राजीव गांधी के 31 अक्टूबर 1 नवंबर और 2 नवंबर को दिए गए भाषणों के बारे में क्यों नहीं बात करते। उन्होंने कहा था कि ‘खून मत बहाओ, नफरत मत फैलाओ’। नवंबर में उनकी मां की शहादत के बाद उनकी पहली जयंती पर बड़े पेड़ की टिप्पणी की गई थी। उस एक बयान को उनके राजनीतिक विरोधियों ने दोहराया है और, अगर मैं कह सकता हूं तो मीडिया में उनके विरोधियों की ओर से भी। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्हें उस अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इसका उपयोग दंगों या नरसंहार को भड़काने के लिए नहीं किया।

Compiled: up18 News