कांग्रेस ने लगाया आरोप, मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने प्रतिबंधित उग्रवादी सगंठनों को दिए 16 करोड़ रूपये

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कांग्रेस ने मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा पर प्रतिबंधित उग्रवादी सगंठनों को 16 करोड़ रूपये देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि “मणिपुर में पिछले 2 महीनों से शिक्षकों और 18 महीनों से स्कूली रसोइयों को वेतन न देकर प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों को पैसा दिया गया है।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, ”आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर की भाजपा सरकार ने गत एक फरवरी को ‘संसपेंशन ऑफ ऑपरेशन’ (गतिविधि के निलंबन) के तहत प्रतिबंधित चरमपंथी समूहों को 15.7 करोड़ रुपये जारी किए और फिर 92.7 लाख रुपये दिए। इसने चार जिलों में चुनावों का मजाक बनाया है।”

उन्होंने एक बयान भी साझा किया जिसमें आरोप लगाया गया कि चूराचणपुर और कांगपोकवी जिलों में पहले चरण के चुनावों में इन पैसों का भुगतान किया गया तथा यह चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण नहीं रहा था।

बतौर मणिपुर कांग्रेस वरिष्ठ पर्यवेक्षक रमेश ने बताया दूसरी किश्त एक मार्च को दी गई है जो कि 5 मार्च को दूसरे चरण में तेंगनौपाल और चंदेल जिलों में चुनाव को प्रभावित करने के लिए है। ये सब भाजपा सरकार की घूसखोरी और भ्रष्टचार को दर्शाता है। उन्होंने कहा डबल इंजन की भाजपा सरकार के सिद्धांत साफ़ हैं। वो 2 महीनों से शिक्षकों, 18 महीनों से स्कूली रसोइयों का वेतन और 6 महीने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन न देकर उग्रवादियों को पैसा दे रही है।

5 मार्च को मणिपुर के 12 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान होगा। इन मतदान केन्द्रों पर उपद्रवियों द्वारा ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी। बाद में मणिपुर के मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश अग्रवाल ने बताया था कि खुंद्रकपम, सैतु, थानलॉन, हेंगलप और चुराचंदपुर विधानसभा स्थित मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान होगें।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 23 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि सरकार सभी कुकी उग्रवादी समूहों के साथ शांति वार्ता करेगी और अगले पांच साल में उनके मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा। जैसे की उनके पड़ोसी राज्य आसम में बोडो लोगो के साथ किया गया।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि गत 16 फरवरी को उनकी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि चुनाव पूरा होने तक जेल में बंद सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाई जाए, लेकिन चुनाव से पहले भाजपा के एक विधायक के भाई को छोड़ दिया गया जिन पर हत्या का आरोप है।

साभार- बोलता हिंदुस्तान