लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के कटाक्ष का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब दिया।
अखिलेश पर तंज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी आप लोगों के पास समय है तो कुछ सीख लेना चाहिए। शिवपाल की ओर इशारा करते हुए सीएम योगी ने कहा इन्हें कुछ सिखाइए। जब कोरोना काल था हमने चीनी मिलें चलाईं। एक ये विपक्ष है, ये वैक्सीन के ऊपर ही सवाल उठा रहे थे। हमारी दोनों वैक्सीन दुनिया में सबसे ज्यादा असरदार रहीं। हमारी वैक्सीन इतनी प्रभावी थी कि चौथी वेब आने के पहले ही रुक गई। अखिलेश पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि आप ऑस्ट्रेलिया से यही पढ़कर आए हैं कि वैज्ञानिक सोच का विरोध किया जाए।
कटाक्षों के बीच नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि दुष्यंत की एक कविता है, ‘तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं…कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं’। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा है कि नेता प्रतिपक्ष गोरखपुर की गलियों में बाढ़ की बात कर रहे हैं। वे सांड की बात कर रहे हैं. मैं बताना चाहता हूं कि आपके कार्यकाल में सांडों को बूचड़खाने बेच दिया जाता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के हर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच में खाने के आदी हैं, वे गरीब की समस्या को क्या समझेंगे? उन्होंने कहा कि ये लोग गरीबों की बात क्या करेंगे? पूर्वांचल में एन्सेफलाइटिस से हजारों बच्चों की जान चली गई। वे बच्चे किसके थे? गरीब, किसान और आपके पीडीए के नहीं थे? आज हमने एन्सेफलाइटिस का समूल नाश कर दिया है, बस औपचारिकता बाकी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महोदय, नौ नदियों को पुर्नजीवित किया गया है। प्रदेश में विद्युत की आपूर्ति की स्थिति पहले कैसी थी यह किसी से छिपी नहीं है। पहले तो कुछ जिले ही थे जहां पर पूर्ण सप्लाई होती थी।
समाजवादी के कैडर को और समाजवादी पार्टी के ऑफिस में तय होता था कि आवास योजना का लाभ किसे मिलना है। 2017 से लेकर अब तक 5520000 लोगों को आवास मिले हैं। जब इस योजना को शुरू किया गया तो यहां पर समाजवादी पार्टी की सरकार थी। इन्होंने गरीबों को घर ही नहीं दिए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अन्नदाताओं की विपक्ष चर्चा कर रहा था। मुझे आश्चर्य होता है कि एमएसपी क्या होता है यह विपक्ष को जानकारी नहीं थी। शिवपाल जी आपको बताना चाहिए था। धान की एमएसपी बढ़ाया गया है।
समाजवादी पार्टी के ऊपर निशाना साधते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा बालियान साहब आपको पता होना चाहिए, बाजरा और गन्ने में क्या अंतर है। यहां किसान किसी जाति में नहीं बटा है, यहां किसान का मतलब किसान है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी किसान के परिवार का सदस्य अगर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आता है तो उसे मुआवजे का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से 12 से 17 के बीच 552 करोड़ रुपये खर्च हुए और 2017 के बाद से अब तक 2325 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
– एजेंसी
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