बिजली और ईंधन की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को ‘आयरन ब्रदर’ चीन ने बड़ा झटका दिया है। चीन के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 969 मेगावाट के नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के मरम्मत के काम को इस साल जुलाई महीने से ही बंद कर दिया है। चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब पाकिस्तान लगातार ऊर्जा और बिजली की कमी का सामना कर रहा है। चीन ने मरम्मत के काम को बंद करने की पीछे वजह बताई है कि स्थानीय लोग इस पनबिजली परियोजना के खिलाफ जोरदार विरोध कर रहे हैं।
चीन ने यह कहा है कि पाकिस्तान की पुलिस उसके कर्मचारियों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है। इस बीच चीन के अचानक से बिजली परियोजना से हटने से इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लेकर तनाव पैदा हो गया है। यह बिजली परियोजना पीओके की कथित राजधानी मुजफ्फराबाद के पास स्थित है। ये चीनी इंजीनियर एक महत्वपूर्ण सुरंग को खोलने पर काम कर रहे थे। यह बिजली परियोजना 508 अरब रुपये की है और 3 साल तक काम करने के बाद अचानक से बंद हो गई है।
चीनी नागरिकों को स्थानीय हमले का डर, पैसे भी नहीं मिले
इससे पाकिस्तान और चीन के अधिकारियों के बीच संयुक्त परियोजनाओं को लेकर गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं। इसमें नीलम-झेलम प्लांट के साथ-साथ खासतौर पर दासू, मोहम्मद पावर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। करीब 3.5 किमी लंबी इस सुरंग से प्लांट से पानी को नदी में पहुंचाया जाता है। इस सुरंग में गंभीर गड़बड़ी आ गई है। इससे पूरे प्लांट को पूरी तरह से बंद करना पड़ा है। प्लांट के बंद होने से पाकिस्तान में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि सुरंग में दरार आ गई है।
इस प्लांट को संचालित करने वाली अथॉर्टी वापडा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुरंग में बाधा आ गई है जिससे पावर स्टेशन को सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि चीनी परियोजना में कई कमियां हैं और इसे चलाना मुश्किल हो गया है।
उधर, चीनी पक्ष की अपनी शिकायत है। उसका कहना है कि पाकिस्तानी काम करने का पैसा नहीं दे रहे हैं जिससे सुरंग को ठीक करने का काम प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा चीनी नागरिकों को स्थानीय लोगों के हमले का भी डर सता रहा है। वहीं पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि चीनी नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं।
-एजेंसी