चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि एशियाई देशों को अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों के हाथों शतरंज का मोहरा बनने से बचना चाहिए. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान देशों के सेक्रेटेरियट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई देशों पर पक्ष लेने का दबाव था.
वांग यी ने कहा, हमें इस क्षेत्र को भू-राजनीतिक समीकरणों से बचाकर रखना चाहिए ताकि देश प्रमुख शक्तियों की प्रतिद्वंद्विता से शतरंज के मोहरे के रूप में इस्तेमाल न हो.
चीन के विदेश मंत्री ने कहा, इस क्षेत्र का भविष्य हमारे हाथों में होना चाहिए. दक्षिणपूर्वी एशिया अपनी सामरिक अहमियत के कारण कई देशों के बीच विवाद का क्षेत्र रहा है. इस इलाक़े के देश अमेरिका और चीन की प्रतिद्वंद्विता के बीच कई बार फँसते नज़र आते हैं. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना इलाक़ा मानता है लेकिन कई देश उसके दावे पर सवाल उठाते हैं.
इस इलाक़े को चीन अपना कहता है और एक बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत वो यहां कृत्रिम द्वीप बना रहा है. साउथ चाइना सी में क़रीब 250 छोटे-बड़े द्वीप हैं.
लगभग सभी द्वीप निर्जन हैं. इनमें से कुछ ज्वार भाटे के कारण कई महीने पानी में डूब रहते, तो कुछ अब पूरी तरह डूब चुके हैं. ये इलाक़ा हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच है और चीन, ताइवान, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रूनेई और फ़िलीपीन्स से घिरा है.
इंडोनेशिया के अलावा अन्य सभी देश इसके किसी न किसी हिस्से को अपना कहते हैं.
-एजेंसियां
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