आगरा के जनकपुरी महोत्सव में अव्यवस्थाएं रही हावी, नहीं पहुंचे राजा दशरथ, संरक्षक वापस कर गए बैज-पास

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जनक महल की शोभा देखने देर रात तक उमड़ती रही भीड़

आगरा, 13 अक्टूबर। जनकपुरी बने संजय प्लेस में सियावर रामचंद्र की युगल छवि और नयनाभिराम सजावट को देखने गुरुवार को भी अथाह जनसमूह उमड़ता रहा। रात्रि में स्वरूपों के जनक महल से विश्राम के लिए जाने के बाद भी लोगों की भीड़ जनक महल की सुंदरता को निहारने के लिए सड़कों पर जमी रही। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय जनक महल पर पहुंचे। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने भी मंच से श्रद्धालुओं को संबोधित किया।

जनकपुरी में अव्यस्थाएं भी नजर आईं। राजा दशरथ बने छोटेलाल बंसल और रानी कौशल्या बनी उनकी पत्नी कांता बंसल आज जनक महल के मंच पर नहीं पहुंचे। रात करीब पौने दस बजे जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी जनक महल के आगे पहुंचे, लेकिन दूसरे कार्यों में व्यस्त जनकपुरी महोत्सव समिति के पदाधिकारी उन्हें नहीं देख पाए। एक महिला दरोगा ने मंच पर लगभग दौड़ते हुए संचालक और अन्य को इसकी जानकारी दी। सभी पदाधिकारी दौड़ कर राजा जनक पीएल शर्मा के पास पहुंचे और राजा जनक को साथ लेकर जिलाधिकारी का मंच पर स्वागत किया गया।

परंपरागत रूप से स्वरूपों की मंच पर दो ही आरती होती हैं, एक आगमन पर और दूसरी प्रस्थान से पूर्व, लेकिन जिलाधिकारी से भी बीच में एक बार और आरती कराई गई। मंच संचालक ने कई बार माइक से राजा दशरथ और रानी कौशल्या को पुकारा, लेकिन वे नहीं पहुंचे।

मंच के आगे बनी दर्शक दीर्घा में भी काफी अव्यवस्था रही। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के लिए बनाई गई दर्शक दीर्घा में गुलाबी परिधान धारण किए जनकपुरी की महिलाओं और उनके परिवार ने कब्जा कर रखा था। जनकपुरी समिति के पदाधिकारियों से इन महिलाओं को अन्य स्थान देने के लिए कहा गया, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए। नतीजतन रामलीला कमेटी के कई पदाधिकारी या तो पूरे समय खड़े रहे या फिर वहां से चले गए।

दर्शक दीर्घा पर आज पुलिसकर्मियों के परिवारों का कब्जा था। प्रवेश द्वारों पर खड़े पुलिसकर्मियों ने कई पासधारकों के पास फाड़ दिए और उन्हें प्रवेश नहीं दिया, वहीं अपने व परिचितों के परिवारों को बिना पास के ही दर्शक दीर्घा में बिठा दिया।

रूठ गए जनकपुरी के संरक्षक दयाशंकर शर्मा

जनकपुरी महोत्सव समिति के संरक्षक दयाशंकर शर्मा आज रात्रि रूठ गए और अपना बैज-पास वापस कर आयोजन के बीच में ही वहां से चले गए। उनकी सह मीडिया प्रभारी अनिल रावत से कहासुनी भी हुई। उपाध्यक्ष विनय मित्तल ने मामले को साधने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। विनय मित्तल ने बताया कि दयाशंकर शर्मा मंच पर जाना चाहते थे, जबकि स्वरूपों के दर्शन जनता को कराने के लिए आज मंच पर जाने वालों के प्रति सख्ती थी। दूसरी ओर दयाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया कि सख्ती के नाम पर कुछ लोगों को रोका गया तो कुछ लोगों के प्रति नरमी बरती गई।

गौरतलब है कि जनकपुरी समिति पर कई व्यवस्थाएं पूरी न कर पाने के आरोप लगे हैं। जनकपुरी समिति को गुरु वशिष्ठ, मुनि विश्वामित्र आदि के लिए एक रथ की व्यवस्था करनी थी, लेकिन ऐसा न हो पाने पर इन स्वरूपों को तैयार ही नहीं किया गया। बुधवार की रात्रि राम, सीता आदि स्वरूपों को विश्राम स्थल तक पैदल ही जाना पड़ा।

महिलाओं के बीच चल गए लात-घूंसे

गुरुवार की रात्रि स्वरूपों के मंच से प्रस्थान से पहले आरती का क्रम चल रहा था, उसी समय जनक महल के सामने की सड़क पर भीड़ में मौजूद चार-पांच महिलाओं के बीच किसी विवाद को लेकर आपस में लात-घूंसे चल गए। महिलाओं ने एक-दूसरे के बाल पकड़ कर खींचे और गुत्थम-गुत्था हो गईं। इस दौरान भारी भीड़ में पुलिस का कहीं अता-पता नहीं था। भीड़ से ही कुछ लोगों ने उन्हें बमुश्किल अलग किया।

Compiled: up18 News