CBIC ने बताया, एक अक्तूबर से लागू होगा ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST

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कब हुआ था ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी का एलान?

पिछले महीने की शुरुआत में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी का एलान किया था। उन्होंने 51 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा था कि अब ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए दांव के पूरे अंकित मूल्य पर 1 अक्टूबर से 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। हालांकि गेमिंग कंपनियों ने जीएसटी परिषद् से इस फैसले को टालने की अपील की थी।

कब की जाएगी फैसले की समीक्षा?

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी के फैसले को लागू करने के लिए सभी राज्यों को अपनी-अपनी विधानसभाओं में इसे पारित करने की जरूरत थी। उन्होंने कहा, “इस संबंध में लिए गए फैसले के अनुसार राज्यों को एक अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के लिए 30 सितंबर तक अपनी विधानसभाओं में इसे पारित करना या अध्यादेश जारी करना था। अग्रवाल ने आगे कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत कर लागू होने के छह महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।”

गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस क्यों?

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने जुलाई में घोषणा की थी कि ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसिनो में लगाए गए दांव पर पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगेगा। ऑनलाइन गेमिंग ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मिल रहे कारण बताओ नोटिस पर उन्होंने कहा कि ये कानूनी प्रावधान के अनुसार जारी किए जा रहे हैं और यह विभाग द्वारा अपनाए गए रुख का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा, ”विभाग कानून की व्याख्या में एक समान रुख अपना रहा है और तदनुसार कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।”

किस आधार पर जारी हो रहे कारण बताओ नोटिस?

संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में यह तय हुआ था कि एक अक्तूबर से इसे लागू किया जाएगा। कई सारी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां हैं, जिनका डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। उसी आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कई गेमिंग कंपनियां के मामले में केंद्र ही नहीं, राज्य सरकारों की तरफ से भी जांच की जा रही है और राज्यों की तरफ से भी कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर क्या बोले सीबीआईसी चेयरमैन?

फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर सीबीआईसी चेयरमैन ने कहा कि यह काफी जटिल है और विभाग को जीएसटी दर और रिवर्स चार्ज तंत्र (आरसीएम) के बारे में विभिन्न सुझाव मिले हैं। इस पर चर्चा की जा रही है। नकली आईटीसी से सिर्फ लोहा और इस्पात ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्र भी प्रभावित होते हैं।

उन्होंने कहा कि रिटर्न दाखिल करने या पंजीकरण प्रक्रिया पर जीएसटी परिषद के फैसले से समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा, “फर्जी आईटीसी की समस्या को देखते हुए सरकार जीएसटी परिषद में कई फैसले ले रही है और उसके अनुसार पंजीकरण की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है। कुछ और सत्यापन किए जा रहे हैं।”

Compiled: up18 News