दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी 2021-22 के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की है. ये सिफारिश पॉलिसी में कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों के बाद की गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट दायर की थी. इस रिपोर्ट पर ही जांच की सिफारिश की गई है.
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का उल्लंघन पाया गया है.
इसके अलावा अधिकारियों का कहना है कि टेंडर के बाद शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के लिए जानबूझकर नियमों के साथ छेड़छाड़ की गई है.
नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था. इसके तहत 32 जोन में बंटी दिल्ली में 849 दुकानों के लिए प्राइवेट लोगों को बोली लगाने के बाद रिटेल लाइसेंस दिए गए थे.
बीजेपी और कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल सरकार की इस पॉलिसी का विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास शिकायत दर्ज कराई थी.
वहीं जांच की सिफारिश के बाद आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएम केजरीवाल की देश भर में बढ़ती प्रतिष्ठा, यहां तक की पंचायत चुनाव में भी केंद्र के लिए खतरा बना हुआ है. खासकर पंजाब की जीत के बाद बीजेपी की केंद्र सरकार हमसे डरी हुई है. आने वाले दिनों में हमसे कई पूछताछ शुरू की जाएंगी.
-एजेंसी
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