CBI ने चल रहे पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग WBSSC घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ED को शामिल किया है। ईडी केवल इससे जुड़े वित्तीय पहलू की जांच करेगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ईडी को शामिल करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि रुपये के लेनदेन (मनी ट्रेल) को ट्रैक करने के लिए ईडी के पास बेहतर विशेषज्ञता है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “मनी ट्रेल को ट्रैक करने से घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे और हम अब इसकी जांच में देरी नहीं चाहते हैं। हमारे वरिष्ठ अधिकारी पिछले कुछ दिनों से ईडी में अपने समकक्षों के साथ संवाद कर रहे थे और अंत में ईडी ने इसे लेने के लिए सहमति व्यक्त की है।”
उन्होंने आगे बताया कि “यह पता चला है कि सीबीआई जल्द ही ईडी को कुछ दस्तावेज जैसे बैंक खातों के विवरण, संपत्ति का विवरण और इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार के तहत आय और व्यय विवरण सौंपेगी। ईडी लेनदेन की जांच करेगी और पता लगाएगी कि इस घोटाले में कौन-कौन शामिल था।”
13 अप्रैल 2022 को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी (वर्तमान में राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री) को इस घोटाले पर सीबीआई पूछताछ का सामना करने से चार सप्ताह की राहत दी।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि वास्तव में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी से पूछताछ करने का मौका मिलने से पहले सीबीआई घोटाले के वित्तीय कोण पर स्पष्ट विचार करना चाहती है और यहीं पर ईडी की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है।
हाल ही में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त जांच पैनल ने अदालत में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें चटर्जी द्वारा नियुक्त डब्ल्यूबीएसएससी की भर्ती समिति को अवैध घोषित किया गया।
मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों ने पहले ही उक्त भर्ती समिति के पूर्व सलाहकार एसपी. सिन्हा और समिति के चार अन्य सदस्यों को मामले में एक से अधिक बार एकीकृत किया है। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उनके द्वारा दिए गए बयानों में काफी विसंगतियां थीं।
-एजेंसियां
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