2025 में मनुष्य और तकनीक में उभरती चिंताएँ

विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2025 कहीं ज़्यादा तकनीक-चालित होगा और ज़्यादा बड़ी चुनौतियाँ पेश करेगा। लोगों के पास काफ़ी कम दोस्त होंगे, क्योंकि नियमित रूप से व्यक्तिगत संपर्क की कमी के कारण रिश्ते कम होते जा रहे हैं। मुझे लगता है कि युगल और एकल परिवार पर कुछ हद तक नव-परंपरावादी गहन ध्यान […]

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सबने देख लिया कि सच्चाई को हमेशा छुपाया नहीं जा सकता

मौन को अवगुण कमजोरी की तरह स्थापित किया और इसके सामने बड़बोलेपन को सबसे बड़े गुण की तरह पेश। लेकिन सब तूमार (फेब्रिकेशन) खत्म हो गया। इतना मीडिया इतना पैसा पूरी सत्तारुढ़ पार्टी सरकार सब फेल हो गए। शांति से मौत के आगोश में गए मनमहोन सिंह आखिरी आखिरी तक कुछ नहीं बोले। मगर उनके […]

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नया साल, नई शुरुआत: नया साल सिर्फ़ जश्न नहीं, आत्म-परीक्षण और सुधार का भी अवसर

31 दिसम्बर की आधी रात को हम 2024 को अलविदा कह देंगे और कैलेंडर 1 जनवरी यानी 2025 के नए साल के दिन के लिए अपना नया पन्ना खोलेगा। उतार-चढ़ाव, मजेदार पल और कुछ ख़ास नहीं-यह सब अब अतीत की बात हो जायेंगे। हम एक नए साल के मुहाने पर खड़े हैं, जो हमारे सामने […]

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आधी दुनिया: परिवार से विरासत में मिले साहित्य प्रेम और माहौल से बनी लेखिका प्रियंका ‘सौरभ’

महामारी के खाली समय में लिखने की आदत डाली, अब बाज़ार में आया निबंध संग्रह ‘समय की रेत पर’। कहते है न कि बच्चों को जैसा माहौल घर में मिलता है, उनके भविष्य में उसकी छाप ज़रूर दिखती है। अगर परिवार में गायन का माहौल है तो बच्चें में गायन के गुण स्वतः आ जाते […]

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यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके पूर्वज हिमाचल के भूम्पल गांव, हमीरपुर के रहने वाले थे। दादा गरदुराम विभिन्न स्थानों पर व्यापार करते थे और भोरंज तहसील के टिक्कर भारिया और खरवरिया के निवासी थे। पिता हीरालाल एक दुकानदार और तहसील क्लर्क थे। […]

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अटल जी के भाषणों में झलकता था अपनत्व: पूरन डावर

आज हम एक ऐसे राजनेता , राष्ट्र नेता .. महान देश भक्त जिसके रग रग में देश बसता था…। एक प्रखर वक़्ता, विशेष शैली के सृजनकर्ता की रिक्ततI को भरा नहीं जा सकता …। आज हम नेक मंशा और अटल इरादे रखने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने जा दे रहे हैं। […]

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सुशासन दिवस 2024: देश के अप्रतिम नेता अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत का जश्न

25 दिसम्बर, 2024 का सुशासन दिवस विशेष महत्त्व रखता है क्योंकि यह अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती है। इस मील के पत्थर को मनाने के लिए, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने 19 से 24 दिसम्बर, 2024 तक चलने वाले ‘प्रशासन गाँव की ओर’ नामक एक सप्ताह के अभियान की घोषणा की है। […]

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संसद के कलुषित परिवेश का जिम्मेवार कौन?

संसद में शोर-शराबा, वेल में जाकर नारेबाज़ी करना, एक-दूसरे पर निजी कटाक्ष करना यहां तक कि कई बार हाथापाई पर उतारू हो जाना आज संसद की आम तस्वीर है। आखिर सियासी पार्टियों और सांसदों का बर्ताव इतना अराजक क्यों हो गया है? क्या आज पार्टियों के निहित स्वार्थों ने संसद को मज़ाक बनाकर रख दिया […]

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क्या आपको पता है! बच्चे डरते क्यों हैं गणित से?

आज नेशनल मैथेमेटिक्स डे है। गणित शिक्षा में बदलाव कर इसे कैसे लोकप्रिय बनाया जा सकता है, इस पर क्या कहते हैं, गणित के जानकार। कभी गणित और ज्योतिष का केंद्र रहा भारत आज अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर इस विधा में तेजी से पिछड़ रहा है। किसी भी स्टूडेंट से पूछें, सबसे भयभीत करने वाला विषय […]

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बदली हुई न्याय की देवी से क्या सचमुच न्याय व्यवस्था में भी बदलाव आ जाएगा?

देश में आजकल बदलाव की लहर चल रही है। अब तक तो हमने शहरों के नाम बदलते देखे थे लेकिन हाल ही में न्याय की देवी की मूर्ति ही बदल दी गई। इस नए बदलाव में अब न्याय की देवी का स्वरुप बदल कर उसका भारतीयकरण कर दिया गया है। जहाँ पुरानी न्याय की देवी […]

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