राजस्थान के नाथद्वारा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मेरे मित्र कहकर संबोधित किया है। दिलचस्प यह है कि भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने सीएम को मित्र बताया तो वहीं बाद में उनका और उनकी पार्टी कांग्रेस का नाम लिए बगैर तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विकाय कार्यों के बारे में डिटेल में बता रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को कोई विकास कार्य नहीं दिखता है, उनके अंदर केवल नकारात्मकता भरी है।
पीएम ने कहा कि आज देश में हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। अभूतपूर्व गति से काम चल रहा है। रेलवे हो, हाइवे हो, एयरपोर्ट हो हर क्षेत्र में भारत सरकार हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इस साल के बचट में भी भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करना तय किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर जब इतना निवेश होता है तो उसका सीधा प्रभाव उस क्षेत्र के विकास पर होता है। उस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर होता है। जब नई सड़कें बनती हैं, नई रेल लाइनें बनती हैं, जब गांव में पीएम आवास योजना के करोड़ों घर बनते हैं, करोड़ों शौचालय बनते हैं, जब गांव में लाखों किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछता है, हर घर जल के लिए पाइप बिछाया जाता है तो इसका लाभ स्थानीय छोटे मोटे व्यापारियों, उस इलाके श्रमिकों को भी लाभ मिलता है।
पीएम ने कहा कि भारत सरकार की इन योजनाओं ने अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है लेकिन साथियो, हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारत्मकता से भरे हुए हैं कि देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ वो देखना ही नहीं चाहते हैं। उन्हें केवल विवाद खड़ा करना ही अच्छा लगता है। अब आपने कुछ सुना होगा जैसे कुछ लोग उपदेश देते हैं कि आटा पहले कि डेटा पहले, सड़क पहले कि सेटेलाइट पहले लेकिन इतिहास गवाह है कि स्थाई विकास के लिए, तेज विकास के लिए मूल व्यवस्थाओं के साथ ही आधुनिक इंफ्रा बनाना जरूरी होता है। जो लोग कदम कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तौलते हैं, वो कभी भी देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते हैं।
पीएम ने कहा कि हम कई बार देखते हैं कि गांव में पानी की टंकी बनी और वह चार-पांच साल में ही छोटी पड़ जाती है। कितनी सड़कें और फ्लाईओवर 4-5 साल में छोटी पड़ने लगती हैं। इस समस्या का सामना हमारे देश ने खूब उठाया है। अगर पहले ही देश में मेडिकल कॉलेज बन गए होते तो आज डॉक्टरों की किल्लत नहीं होती। अगर पहले ही रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो गया होता तो आज लाखों करोड़ रुपये खर्च नहीं करने होते। नकारत्मकता से भरे हुए लोगों में ना तो दूरदृष्टि होती है और ना ही वह वोट की राजनीति से आगे की सोच पाते हैं।
Compiled: up18 News
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