BSF का आरोप, ममता सरकार ने केंद्रीय बलों का सही इस्‍तेमाल नहीं किया

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों का सही इस्तेमाल नहीं किया। बता दें कि बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

राज्य चुनाव आयोग ने नहीं दी जानकारी: DIG BSF

बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा पर बीएसएफ के डीआईजी एस एस गुलेरिया ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मांगी थी, लेकिन सात जून को छोड़कर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्हें केवल बूथों की संख्या के बारे में बताया गया, लेकिन उनके स्थान या किसी अन्य जानकारी के बारे में कुछ नहीं बताया जबकि हमने चुनाव के दौरान सुरक्षा को लेकर कई बार उन्हें आगाह किया था।

राज्य सरकार ने BSF का सही इस्तेमाल नहीं किया

DIG गुलेरिया ने राज्य सरकार पर केंद्रीय सुरक्षा बल का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थी लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।

राज्य ने केवल 4834 संवेदनशील बूथ घोषित किए थे, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी लेकिन वास्तव में इससे कहीं अधिक संवेदनशील मतदान केंद्र थे। चुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद सभी मतपेटियों को राज्य भर के 339 स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया। इन मत पेटियों की जिम्मेदारी सीएपीएफ को दी गई है।

हिंसा में अब तक 20 लोगों की मौत: रिपोर्ट

बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान शनिवार को दिनभर हिंसा का सिलसिला चलता रहा। शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक 24 घंटे में 20 लोगों की जान गई। शनिवार को 18 की मौत हुई। रविवार को दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। अभी भी राज्य के विभिन्न इलाकों से हत्या की खबरें आ रही हैं। 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। मरने वाले सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बताए गए हैं। कल चुनाव के दौरान मतपेटियों में तोड़फोड़ की गई और कई गांवों में बम फेंके गए। हिंसा की ये वारदातें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, पूर्वी बर्दवान, मालदा, नादिया, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में हुई हैं।

Compiled: up18 News