दिल्ली में पांडव नगर के शशि गार्डन में नाबालिग भाई-बहन की हत्या कर दी गई, जबकि इनकी मां पर जानलेवा हमला किया गया। हत्या का शक बच्चों के पिता पर था, जिसका शव आनंद विहार में रेलवे ट्रैक पर मिला है। मृत बच्चों की शिनाख्त कार्तिक (15) व आस्था (9) के रूप में हुई। मां शन्नू चौरसिया (40) को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली पुलिस ने आशंका जताई कि बच्चों की गला दबाकर हत्या के बाद श्यामजी ने भारी वस्तु से इनकी मां पर हमला किया। बाद में घर में बाहर से ताला लगाकर चला गया। शुक्रवार शाम रेलवे ट्रैक पर एक शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को मिली। शनिवार को उसकी पहचान श्यामजी के रूप में हुई। पुलिस को शक है, उसने हत्याकांड के बाद खुद भी जान दे दी।
हत्या के बाद से कार्तिक और आस्था का पिता श्यामजी चौरसिया गायब था। आशंका व्यक्त की जा रही थी कि श्यामजी ने ही वारदात को अंजाम दिया होगा लेकिन अब उसका शव बरामद हुआ है। आशंका है कि दोनों बच्चों की गला दबाकर हत्या करने के बाद आरोपी ने किसी भारी वस्तु से इनकी मां पर वार किया। बाद में वह तीनों को मरा हुआ समझकर घर का बाहर से ताला लगाकर फरार हो गया।
जिला पुलिस उपायुक्त अपूर्वा गुप्ता का कहना है कि हत्या कैसे की गई इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही कारणों का खुलासा हो पाएगा।
पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से यूपी के प्रतापगढ़ के पोस्ट मांधाता स्थित गांव अहिना निवासी श्यामजी चौरसिया दिल्ली में परिवार के साथ पांडव नगर के शशि गार्डन की गली नंबर-6 में रहता था। परिवार में पत्नी शन्नू चौरसिया के अलावा दो बच्चे कार्तिक और बेटी आस्था थे। श्यामजी मयूर विहार फेज-1 के पास चाय की दुकान चलाता था।
कार्तिक पास के सरकारी स्कूल में नौवीं और आस्था छठी कक्षा की छात्रा थी। श्यामजी के चार अन्य भाई पांडव नगर और शशि गार्डन में अपने परिवारों के साथ रहते हैं। रिश्तेदार अमृतलाल ने बताया कि परिजन शुक्रवार सुबह से श्याम से संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे। शन्नू का मोबाइल बंद था, जबकि श्यामजी का फोन उठ नहीं रहा था। इस बीच शाम को श्यामजी का छोटा भाई रामजी दूसरी मंजिल स्थित भाई के फ्लैट पर पहुंचा। वहां बाहर से ताला लगा था। भाई ताला लगा देखकर लौट गया। शनिवार सुबह भी ऐसा ही हुआ। ताला लगा देखकर रामजी वापस लौट गया, लेकिन उसे घर से दुर्गंध आती हुई महसूस हुई।
कुछ गड़बड़ लगने पर दोपहर को रामजी दोबारा घर पहुंचा तो दुर्गंध और ज्यादा आ रही थी। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने मेन गेट पर लगे ताले को तोड़ा और अंदर दाखिल हुई। अंदर लाइट और पंखे चल रहे थे। एक कमरे में कार्तिक और आस्था के शव पड़े थे।
दूसरे कमरे में अचेत अवस्था में शन्नू पड़ी थी। उसकी सांसें चल रही थी। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। फौरन उसे नजदीक के अस्पताल भेजा गया, जहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया। सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
-एजेंसी