लीबिया: सामूहिक कब्रों में दफनाए जा रहे हैं विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोगों के शव

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एक कब्रिस्तान में बॉडी बैग और कंबलों में ढंके शवों को एक साथ दफ़नाया जा रहा है. यहाँ मशीनों से गड्ढे खोदे गए हैं. देरना शहर में दस हज़ार से अधिक लोग लापता बताये गए हैं. ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

देरना में बचाव कार्य में शामिल स्वयंसेवक मोहम्मद क़ामाते के मुताबिक़ बचाव कर्मी अब भी प्रभावित लोगों की तलाश कर रहे हैं.

क़ामाते कहते हैं, “हम हर लीबियाई युवा, जिसके पास मेडिकल डिग्री या प्रशिक्षण है, से आह्वान करते हैं कि वो यहाँ आएं और हमारी मदद करें. हमारे पास नर्सों की कमी है, हमें मदद की ज़रूरत है.”

बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित देरना शहर में अब कुछ राहत सामग्री पहुँचने लगी है. मिस्र से भी मदद पहुँची है. लेकिन लीबिया के राजनीतिक हालात की वजह से बचाव के प्रयास प्रभावित हो रहा है. लीबिया में इस समय दो विद्रोही सरकारे हैं और देश बँटा हुआ है.

अमेरिका, जर्मनी, ईरान, इटली, क़तर और तुर्की उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने लीबिया के लिए मदद भेजी है या भेज रहे हैं.

जल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों ने बीबीसी को बताया है कि ऐसी संभावना है कि देरना से 12 किलोमीटर दूर स्थित एक बांध पहले टूटा, इसका पानी शहर की तरफ़ बढ़ा और फिर शहर के पास स्थित एक दूसरा बांध टूट गया, जिससे शहर में तबाही मच गई.

रविवार रात को रिकॉर्ड वीडियो में देरना शहर से सैलाब बढ़ता दिख रहा है. गाड़ियां और इमारतें इसमें बह रही हैं. देरना की आबादी क़रीब एक लाख है और शहर का अधिकतर हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है.

सोमवार सुबह देरना में हुई तबाही का मंज़र नज़र आया. पूरे के पूरे मोहल्ले बह गए, सड़कों पर कीचड़ जमा था और गाड़ियां पलटी हुई थीं.

शहर के कई हिस्सों से समूचे परिवारों के समंदर में बह जाने की कहानियां सामने आ रही हैं. बहुत से लोगों ने छतों को जकड़कर अपनी जान बचाई है.

लीबिया की पूर्व में स्थित सरकार से जुड़े हिशाम शकूत ने बीबीसी से कहा, “जो मैंने देखा उससे मैं सदमे में हूँ, ये सुनामी जैसा था.”

पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल जलील ने समाचार एजेंसी एपी से कहा, “हम तबाही को देखकर हैरान हैं. ये बहुत बड़ी त्रासदी है. इससे निबटना देरना और सरकार की क्षमता के बाहर है.”

रविवार को आए तूफ़ान से सूसा, अल मर्ज और मिसराता शहर भी प्रभावित हुए हैं.

लीबिया 2011 में शासक मुअम्मार गद्दाफ़ी की भीड़ के हाथों के हत्या के बाद से ही आंतरिक संघर्ष और अस्थिरता का सामना कर रहा है.

तेल संसाधनों में समृद्ध ये राष्ट्र अब प्रभावी रूप से दो हिस्सों में बँटा है. एक सरकार त्रिपोली से चल रही है जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है, वहीं दूसरी सरकार पूर्वी लीबिया से चल रही है.

हालांकि विभाजन के बावजूद, त्रिपोली की सरकार ने 14 टन राहत सामग्री से भरा एक विमान भेजा है. इसमें बॉडी बैग, 80 डॉक्टरों की टीम और पैरामेडिक शामिल हैं.

पूर्वी शहर बेंग़ाज़ी से क़रीब 250 किलोमीटर दूर लीबिया के समुद्री किनारे पर स्थित देरना शहर उपजाऊ घाटी से घिरा है. इसे जब अख़्दार कहते हैं.

कर्नल गद्दाफ़ी की मौत के बाद चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने इस शहर में अपना आधार मज़बूत किया था. इसके कुछ साल बाद लीबिया की नेशनल आर्मी में जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार के वफ़ादार गुट ने इस्लामिक स्टेट लड़ाकों को यहां से खदेड़ दिया था.

जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार पूर्वी सरकार से जुड़े हैं. उनका कहना है कि सरकार फ़िलहाल तबाही का आकलन क रही है ताकि सड़कों को फिर से बनाया जा सके और बिजली को बहाल किया जा सके. इससे राहत कार्यों में तेज़ी आएगी.

Compiled: up18 News


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