नहीं थम रही फतेहपुर सीकरी में भाजपा की रार, विधायक बाबूलाल चौधरी बोले- मर जाऊंगा लेकिन राजकुमार चाहर का साथ नहीं दूंगा

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आगरा: भाजपा विधायक बाबूलाल चौधरी और भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा विधायक बाबूलाल चौधरी अपनी ही पार्टी प्रत्याशी राजकुमार चाहर के विरोध में आज अपने बेटे का नामांकन करने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे थे। एक तरफ बाबूलाल चौधरी अपने बेटे के साथ खड़े हैं तो दूसरी ओर राजकुमार चाहर के साथ संगठन खड़ा है। जैसे ही विधायक बाबूलाल चौधरी अपने बेटे के साथ नामांकन करने के लिए जिला मुख्यालय में प्रवेश किया तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने सवालों के जबाव खुल कर दिये।

पत्रकारों से रूबरू होते हुए एक पत्रकार ने पूछा क्या आप पार्टी प्रत्याशी के विरोध में अपने बेटे का नामांकन वापस करेंगे तो बाबूलाल चौधरी की भौहें तन गई। उन्होंने कहा कि सवाल ही पैदा नहीं होता है। राजकुमार चाहर के विरोध में रामेश्वर चौधरी लड़ेगा और रामेश्वर चौधरी जनता का प्रत्याशी है। जनता ने उसे खड़ा किया है जबकि राजकुमार चाहर का जनता खुलकर विरोध कर रही है।

अनुशासनहीनता के सवाल पर विधायक बाबूलाल चौधरी का कहना था कि इसमें अनुशासनहीनता का कोई मतलब ही नहीं है। क्योंकि वह भाजपा के साथी हैं और मरते दम तक भाजपा के साथ रहेंगे सिर्फ लड़ाई राजकुमार चाहर से है। जनता का मानना है कि राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी के लिए सही प्रत्याशी नहीं है। इसीलिए उनके बेटे को मैदान में उतारा है जब जनता यह चाह रही है तो मैं जनता का जनप्रतिनिधि होकर कैसे जनता की बात को नकार सकता हूं। पार्टी प्रत्याशी आज ही अपना कैंडिडेट बदल दे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।

पत्रकारों से रूबरू होते हुए विधायक बाबूलाल चौधरी ने खुलकर कहा कि वह मर जाएंगे लेकिन भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर का साथ नहीं देंगे। जनता का प्रत्याशी बाबूलाल चौधरी है वह। भाजपा से विधायक हैं इसीलिए पार्टी की नीतियों का सम्मान करते हैं। मरते दम तक पार्टी में ही रहेंगे। पार्टी के हाई कमान और पदाधिकारी से मुलाकात करके उन्होंने जनता के निर्णय से उन्हें अवगत कराया है लेकिन अब यह हाई कमान के ऊपर निर्भर करता है कि वह जनता की आवाज सुनेंगे या फिर राजकुमार चाहर की।

इसमें कोई शक नहीं है कि अगर भाजपा विधायक बाबूलाल चौधरी का बेटा रामेश्वर चौधरी चुनावी मैदान में उतर आया है तो भाजपा के साथ-साथ राजकुमार चाहर को भी तगड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि बाबूलाल चौधरी और रामेश्वर चौधरी दोनों की ही समाज में अच्छी पैठ है। साफ है कि इस बार वोट के लिए भाजपा को तगड़ी मेहनत करनी होगी।