मथुरा। श्री कृष्ण-जन्मस्थान प्रांगण में स्थित भागवत-भवन में आज बैसाख शुक्ल पंचमी पर प्रातः आद्यजगतगुरू शंकराचार्य जी की 2530वीं जयन्ती बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लाास के साथ मनायी गयी।
इस अवसर पर श्रीराधाकृष्ण मंदिर के बायी ओर स्थित आद्यजगतगुरू शंकराचार्य जी की प्रतिमा पर भव्य पुष्पसज्जा कर सजाया गया। पूज्य शंकराचार्य जी की प्रतिमा के समक्ष प्राकट्य आरती, सहस्त्रार्चन एवं विधिविधान पूर्वक पूजन किया गया। तदोपरान्त भक्तों को वृहद मात्रा में प्रसाद का वितरण किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुये श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य श्री गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि वैदिक सनातन धर्म भारत में पुष्पित एवं पल्लवित हुआ है इसका बहुत बड़ा श्रेय आद्यजगतगुरू शंकराचार्य जी को जाता है। पूज्य आद्यजगतगुरू शंकराचार्य जी द्वारा सनातन धर्म की रक्षा एवं उसके संरक्षण हेतु भारतवर्ष में चारों दिशाओं में चार पीठ स्थापित किये गये।
श्री चतुर्वेदी ने आगे बताया कि आद्यजगतगुरू शंकराचार्य जी ने वैदिक सनातन धर्म की लुप्त प्रायः परंपराओं को पुनर्जीवित किया तथा तीर्थों को प्रतिष्ठित किया और जो लोग सनातन धर्म का विरोध करके अन्यान्य अवैदिक धर्मो को चला रहे थे, उन सभी को पूर्णतः शास्त्रार्थ द्वारा पराभव कर संपूर्ण भारतवर्ष में वैदिक सनातन धर्म का विस्तार किया। पूज्य शंकराचार्य जी मथुरा भी पधारे थे, यहां भी वैदिक सनातन धर्म की विजय-पताका फहरा कर, उन्होंने सनातन धर्म की व्यवस्थाओं की पुनर्स्थापना की थी।
इस अवसर पर संस्थान के उप मुख्य अधिशाषी श्री अनुराग पाठक, श्री नारायण राय, मंदिर पूजाचार्य श्री रामअवतार अवस्थी, श्रीकृष्ण बिहारी पाठक, श्री ब्रह्मानन्द मिश्रा एवं श्री सतनान पण्डा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.