बिहार सरकार द्वारा बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहाई दिलाने पर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल उठाया था। इस संबंध में जब पत्रकारों ने आनंद मोहन से प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो वे पुराने रंग में दिखे। आनंद मोहन ने कहा- ‘कौन मायावती, हम नहीं जानते हैं मायावती को। हमने पहले ही कहा- कलावती को सुने थे, सत्यनारायण भगवान की पूजा, बराबर कलावती और किसका-किसका नाम आता हैं। क्या बोली, वो तो नहीं जाने, उसका वक्त भी नहीं हैं।’
अपने बेटे चेतन आनंद की शादी को लेकर पैरोल पर जेल से बाहर आने पर वे मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
डीएम की हत्या में दो परिवार बर्बाद हुए
आनंद मोहन ने कहा कि जी. कृष्णैया की हत्या में दो परिवार ही बर्बाद हुए। उन्होंने कहा कि पूरे कांड में लवली आनंद और खुद कृष्णैया जी का परिवार बर्बाद हुआ। उन्होंने कहा कि डीएम कृष्णैया की हत्या का उन्हें भी दुःख है।
बिहार सरकार की ओर से अन्य कैदियों से उनकी रिहाई को लेकर जारी आदेश पर सवाल उठाने को लेकर आनंद मोहन ने कहा कि कोई भी कहने के लिए कुछ भी कह सकता है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा- क्या गुजरात में भी नीतीश कुमार और आरजेडी के दबाव में फैसला हुआ है? वहां माला डालकर कुछ लोग छोड़े गए हैं।
जेल से बाहर आने के बाद निर्णय लेंगे
भविष्य की राजनीति के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में आनंद ने कहा कि अभी तो फिर जेल जाएंगे, फिर जेल से रिहाई की औपचारिकता पूरी होने के बाद बाहर आएंगे, तब अपने लोगों के साथ बैठक कर रणनीति बनाएंगे। जिन लोगों ने बुरे दिनों में साथ दिया, उनके साथ चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे।
आनंद मोहन को 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था। जिसके बाद से वो आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।
Compiled: up18 News
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