बिहार में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. रविवार सुबह 11 बजे नीतीश राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाक़ात कर उन्हें इस्तीफ़ा सौंप दिया. इसके साथ ही उन्होंने गठबंधन से अलग होने का भी ऐलान किया.
इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि “मैंने इस्तीफ़ा दे दिया है और अब सरकार ख़त्म हो गई. हमने लोगों और पार्टी की राय सुनी, उसके बाद यह फ़ैसला लिया.”
अब आगे क्या करेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि “हम पहले के सहयोगियों से अलग होकर नए गठबंधन में गए थे. बाक़ी दल साथ देंगे तो सोचेंगे. अगर कुछ होगा तो आपको पता चल जाएगा.”
बीते हफ़्ते से ही अटकलें लग रही थीं कि नीतीश कुमार राजद से गठबंधन तोड़कर फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन में जा सकते हैं.
आख़िरी समय तक नीतीश ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन बिहार की राजनीति में उनका ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि हर कयास को सही और संभावना को संभव माना जा सकता है और ऐसा हुआ भी.
राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद क्या बोले नीतीश?
नीतीश कुमार से जब इस्तीफ़ा देने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, “यह नौबत इसलिए आई क्योंकि ठीक नहीं चल रहा था. थोड़ी परेशानी थी. हम देख रहे थे. पार्टी के अंदर से और इधर-उधर से राय आ रही थी. सबकी बात सुनकर हमने इस्तीफ़ा दिया और सरकार को भंग कर दिया.”
उन्होंने कहा कि “हमने पिछले गठबंधन को छोड़कर जो नया गठबंधन बनाया था डेढ़ साल से, उसमें आकर स्थिति ठीक नहीं लगी. और वे लोग काम को लेकर जो दावे कर रहे थे, उससे (हमारे) लोगों का ख़राब लग रहा था.”
बिहार राजभवन ने नीतीश के इस्तीफ़े की पुष्टि करते हुए कहा सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, “माननीय राज्यपाल ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का त्यागपत्र स्वीकार किया तथा वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कहा.”
-एजेंसी
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