बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव भी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के बचाव में आ गए हैं। हालांकि तेजस्वी यादव बीजेपी पर हमला करने के दौरान कारोबारी अडानी का नाम लेने से बचते दिखे। वह अडानी को एक खास कहकर संबोधित किया और बीजेपी को निशाने पर लिया।
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पैसे लेकर सवाल पूछने वाला आरोप बेकार है। इसमें तो मुझे पड़ना नहीं चाहिए। देश की जनता जान रही है कि क्या हो रहा है। जो लोग सवाल पूछ रहे हैं उन पर कार्रवाई हो रही है। देश में एक खास शख्स हैं जिनकी वजह से बीजेपी पार्टी चलती है। उसके बचाव के लिए जो भी बीजेपी के सांसद (निशिकांत ठाकुर) हैं जिनका नाम लिया जा रहा है, वह क्या-क्या करते हैं, यह बात हरेक राजनेता उनके बारे में जानता है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि बीजेपी के उस नेता की डिग्री हो या प्रधानमंत्री जी की डिग्री हो सच्चाई सबको मालूम है। इसके अलावा भी उनका सांसद होने के नाते और क्या काम है यह ना केवल देश जानता है बल्कि बतौर पत्रकार शुरुआत से उन्हें जानने वाले भी उनकी करतूतों को बखूबी जानते हैं।
महुआ मोइत्रा पढ़ी लिखी महिला हैं। वह जिस कॉलेज से पढ़ी हैं, वहां एडमिशन मिलना बहुत मुश्किल होता है। इतना ही नहीं, उन्होंने सबसे बड़े बैंक में बतौर वाइस प्रेसिडेंट काम किया है। यह मामूली बात नहीं है इसलिए उनकी काबिलियत पर तो हम सवाल उठा ही नहीं सकते। जो लोग यह कर रहे हैं यह पार्लियामेंट का जो गुस्सा है उसे निकाला जा रहा है। पार्लियामेंट एक खास लोग (अडानी) के बारे में बात की जा रही है। उनके प्रति सवाल उठाया जा रहा है तो कार्रवाई हो रही है। चरित्र हनन करना, बदनाम करना बीजेपी का पुराना तरीका है।
सीट शेयरिंग में दिक्कत नहीं
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बिहार में कहीं कोई कठिनाई नहीं है। जब 2015 के विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें थी तब तो सब कुछ आसानी से हो गया, ये तो केवल 40 सीटों की बात है। यहां कोई दिक्कत होने वाला नहीं है, दिक्कत वहां होने वाला है। जो लोग कूद कूद कर गए हैं, या जिन्हें ले जाया गया है वहां कौन क्या करेगा उसपर बातें होनी चाहिए।
गिरिराज सिंह तीसरी बार टिकट के लिए दे रहे बयान
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अगर देश में अल्पसंख्यक समाज नहीं होता तो बीजेपी तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करती। इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके बयानों को हम लोगों को वैल्यू नहीं देना चाहिए।
उनकी बातें प्रधानमंत्री जी को खुश करने की होती है। अभी तो बीजेपी में बातें चल रही है कि किसी को भी दो टर्म से ज्यादा मौका नहीं मिलेगा। उसी फेरा में बहुत सारे नेता हैं जो चाह रहे हैं कि तीसरी बात टिकट मिल जाए।
यादव ने कहा कि यह कोई पहली बार हो रहा है। चारा घोटाला में कितने आरोपी रहे हैं, लेकिन किसी को याद नहीं है पर लालू जी की जमानत रद्द कराने वह पहुंचे हैं। कैंसिल कराने गए हैं तो उनके पास कोई बेस तो होना चाहिए।
याचिका में दम तो होना चाहिए। वह एक ऐसी नई बात लेकर आए हैं जो लॉ पर स्टैंड ही नहीं करता है। हम लोग कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे, न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। जब मैं डेप्युटी सीएम बना था तब भी मेरी जमानत रद्द कराने को लेकर सीबीआई कोर्ट गई थी, लेकिन क्या हुआ। कोर्ट आधार पर बात करती है।
जाति जनगणना की रिपोर्ट से है दिक्कत तो पीएम से कहकर दोबारा करवा दें
बीजेपी की ओर से बिहार सरकार के जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उन्हें भरोसा नहीं है तो प्रधानमंत्री से कहकर पूरे देश में जातीय जनगणना करा देनी चाहिए। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है। बीजेपी और प्रधानमंत्री समेत भारत सरकार में बैठे लोग नहीं चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो। बिहार में वैज्ञानिक तरीके से जातीय जनगणना हुई है, किसी के कुछ कहने से नहीं होगा।
बीजेपी एक ऐसा राज्य बता दे जहां लाखों में सरकारी नौकरी की भर्तियां निकाली जा रही है। हमलोगों ने जो वादे किए थे हमारी सरकार वही काम कर रही है। हमलोगों ने जाति जनगणना और आशा वर्कर, विकास मित्र जैसे लोगों के मानदेय में वृद्धि की बात कही थी, जिसे दोगुना किया जा चुका है। हम लोग हर काम समय पर कर रहे हैं, इससे बीजेपी में बेचैनी है। पीएम मोदी और अमित शाह चाहे तो 365 दिन बिहार में रहें, लेकिन हमसे उनका कोई मुकाबला है नहीं।
Compiled: up18 News