आयुष घोटाले में UP सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, CBI जांच पर रोक

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आपको बता दें कि यूपी के पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी, आयुष विभाग के तत्‍कालीन अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव प्रशांत त्रिवेदी और अन्‍य के खिलाफ 2019 में आयुष के विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कथित अनियमितता और रिश्‍वत लेने के आरोपों की जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में राज्‍य सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्‍ता राव नरेंद्र सिंह के साथ महानिदेशक चिकित्‍सा शिक्षा किंजल सिंह और एसटीएफ के डिप्‍टी एसपी संजीव दीक्षित भी उपस्थित थे।

891 फर्जी एडिामिशन हुए थे

नवंबर 2022 में यह घोटाला सामने आया था। आयुष कॉलेजों के 2021-22 के सत्र में 891 फर्जी एडमिशन होने की बात सामने आई थी। इसमें नीट द्वारा जारी रिजल्ट में छेड़खानी करके अयोग्य और अपात्रों को काउंसलिंग में बुलाकर एडमिशन निजी कॉलेजों में करवाए गए। इस एवज में अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली गई।

घोटाला सामने आने के बाद तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई। बाद में मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। बाद में निदेशक समेत 10 से ज्यादा आरोपितों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा गया। तीन कॉलेज संचालकों को भी जेल भेजा गया। इस बीच सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की। लेकिन सीबीआई ने कोई जांच शुरू नहीं की।

Compiled: up18 News


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