आगरा: ताजगंज के व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, फिलहाल नहीं रोकी जाएंगी ताजमहल के 500 मीटर में व्यावसायिक गतिविधियां

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सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, पहले नीरी से क्षेत्र का सर्वे कराया जाए

आगरा: सर्वोच्च न्यायालय ने यहां ताजगंज की एक लाख की आबादी को आज बुधवार को बड़ी राहत दे दी। न्यायालय ने ताजगंज के व्यापारियों की याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर में व्यावसायिक गतिविधियां अभी नहीं रोकी जाएं।आदेश में कहा गया है कि अभी किसी भी कारोबारी को वहां से हटाया नहीं जाएगा। पहले नीरी से क्षेत्र का सर्वे कराया जाए।

कोर्ट ने कहा है कि एडीए को जारी किए सभी नोटिस वापस लेने होंगे। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस ओक की बेंच ने हमारी धरोहर संस्था और ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई की। करीब एक घन्टे तक बहस चली। याचिका संख्या 13381/1984, एमसी मेहता बनाम यूनियन आफ इंडिया वाद में ही जनहित याचिका को जोड़कर सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (नीरी) रिपोर्ट मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका 13381/1984 एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य में 26 सितंबर, 2022 को ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर के दायरे में सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के आदेश आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को दिए थे। इस पर एडीए ने सर्वे किया और विगत 17 अक्टूबर की तिथि तक व्यवसायिक गतिविधियां बंद करने के दुकानदार, होटल मालिक, रेस्टोरेंट मालिक, फैक्ट्री मालिक, हैंडीक्राफ्ट एम्पोरियम मालिक समेत अन्य को नोटिस दिया था। इसको लेकर ताजगंज की जनता और कारोबारियों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगाई। लोग मुख्य सचिव और सीएम योगी से मिले तो थोड़ी सुनवाई हुई और एडीए ने तीन माह की मोहलत दी। इससे लोगों की पहले जैसी दीपावली मनी और उन्होंने एडीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। दावा किया जा रहा है कि कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश को लेते हुए आगरा विकास प्राधिकरण को दुकानदारों को जारी किए गए नोटिस वापस लेने के आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आज मामले पर पूरी गंभीरता से सुनवाई की और ताजगंज व्यापारियों का हित समझते हुए अपना पूर्व आदेश वापस ले लिया।

पिछले आदेश से रोजी रोटी पर संकट आने के बाद गम में डूबे व्यापारियों के चेहरों पर नए आदेश से खुशी की लहर छा गई। ताजगंज में जगह-जगह ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए और लोगों ने मिठाइयां बांटनी शुरू कर दी।

क्षेत्रीय निवासियों का आरोप है कि एडीए ने खुद सुप्रीम कोर्ट के 500 मीटर की परिधि में निर्माण पर रोक के आदेश की अवहेलना की। नीम तिराहा, अमरूद का टीला और पार्किंग के पास कैंटीन खुलवाई। यहां पर खुद की कमाई के लिए पेठा स्टोर और अन्य अवैध दुकानें लगवाईं। इसके विरोध में पश्चिमी गेट के व्यापारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।

-एजेंसी


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