देश में सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। चालू वित्त वर्ष में यह चौथा महीना है, जब कर संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। पिछले महीने सकल जीएसटी राजस्व 1,62,712 करोड़ रुपये रहा।
इसमें केंद्रीय जीएसटी 29,818 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 37,657 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 83,623 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा 41,145 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,613 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा 881 करोड़ रुपये सहित) था।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सितंबर, 2023 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने के 1.47 लाख करोड़ रुपये से 10 प्रतिशत अधिक रहा। बयान में कहा गया, ‘समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 14 प्रतिशत अधिक रहा।
वित्त वर्ष 2023-24 में यह चौथी बार है कि सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।’ सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी को 33,736 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 27,578 करोड़ रुपये का निपटान किया।
नियमित निपटान के बाद सितंबर में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के मद में 63,555 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के मद में 65,235 करोड़ रुपये था।
सितंबर में समाप्त होने वाली 2023-24 की पहली छमाही के लिए सकल जीएसटी संग्रह (9,92,508 करोड़ रुपये) रहा है जो 2022-23 की पहली छमाही (8,93,334 करोड़ रुपये) के सकल जीएसटी संग्रह से 11 प्रतिशत अधिक है।
त्योहारों में और बढ़ोत्तरी संभव
केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सीमा की सामान्य अवधि 30 सितंबर को खत्म हो गई है और उक्त अवधि के लिए कर मुद्दों को निपटाने का इस वृद्धि में योगदान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि अब 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह सामान्य लगता है और त्योहारी सत्र नजदीक आने पर इसमें और बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है।
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि के अनुसार सितंबर का जीएसटी संग्रह त्योहारी सत्र के आगामी महीनों के लिए अच्छा संकेत है और अर्थव्यवस्था में तेजी को दर्शाता है।
Compiled: up18 News
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