नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कम किराए वाली एयरलाइन स्पाइसजेट को उसके पूर्व प्रमोटर सन ग्रुप के कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है और 4 सप्ताह के अंदर प्रॉपर्टी का एक हलफनामा पेश करने के लिए कहा है. क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 75 करोड़ रुपए का भुगतान करने में विफल रहा है. इसलिए अब मारन को 380 करोड़ रुपए स्पाइसजेट देगा.
29 मई, 2023 को हाई कोर्ट का फैसला मारन परिवार और वर्तमान प्रमोटर, अजय सिंह और स्पाइसजेट के बीच अहम दायित्यों को लेकर लंबे समय से चली आ रही लड़ाई से उत्पन्न हुआ है. जो एयरलाइन के लिए एक झटका है, जिसने दिसंबर तिमाही में इनकम में 4 गुना वृद्धि के साथ 106.8 करोड़ की वृद्धि के साथ चौका दिया. और पेमेंट पर विमान कम करने वालों के साथ लड़ाई के बीच आता है.
2010 में कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट में 750 करोड़ रुपए में 37.7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी, लेकिन बाद में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा और 2015 में इसे 2 रुपए में अजय सिंह को वापस बेच दिया. लेकिन स्पाइसजेट के साथ शेयर ट्रांसफर में ब्याज के भुगतान से संबंधित विवाद पर अब मारन एक कानूनी लड़ाई में फंस गए .
मारन ने स्पाइसजेट पर दर्ज कराया था केस
सूत्रों के मुताबिक, मारन ने 2017 में स्पाइसजेट पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्हें और उनके केएएल एयरवेज को कन्वर्टिबल वारंट और प्रेफरेंस शेयर जारी करने में विफल रहने के कारण काफी नुकसान हुआ था. कोई की लंबी लड़ाई के बाद स्पाइसजेट ने मारन को 579.08 करोड़ रुपए की मूल रकम का भुगतान किया, लेकिन ब्याज का हिस्सा बाकी था. अक्टूबर 2020 में ब्याज 242 करोड़ रुपए था, फरवरी 2023 तक 362 करोड़ रुपए तक जमा हुआ और अंत में 380 करोड़ तक पहुंच गया.
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्पाइसजेट व्यापक समाधान के लिए मारन और काल एयरवेज के साथ पहले से ही बातचीत कर रही है. हम इसे पारस्परिक रूप से हल करने के लिए आश्वस्त हैं क्योंकि हमने पहले ही एक मध्यस्थ ट्रिब्यूनल की ओर से दी गई पूरी मूल रकम का भुगतान कर दिया है.
– एजेंसी
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