सावधान: बच्चों का बचपन ख़राब कर रहा है स्मार्टफोन, सोशल बॉन्डिंग पर भी असर

Health

स्क्रीन टाइम बढ़ने के शारीरिक दुष्प्रभाव

फोन, लैपटॉप, टीवी देखने में ज्यादा समय बिताने से आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। आंखें ड्राई हो जाती हैं और नजरें कमजोर होने लगती हैं। जितनी कम उम्र में इसकी शुरुआत होती है, आंखें खराब होने का खतरा भी उतना ही ज्यादा होता है। इसके अलावा स्मार्टफोन की लत ने बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी पर भी प्रभाव डाला है। जिससे वो कम उम्र में ही डायबिटीज, मोटापे का शिकार हो रहे हैं। समय रहते इन्हें कंट्रोल करने पर ध्यान न दिया जाए, तो बढ़ती उम्र में परेशानियां और बढ़ सकती हैं।

मानसिक दुष्प्रभाव

हर वक्त मोबाइल में लगे रहने से बच्चों में कई सारी मानसिक समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। ऐसे बच्चों में डिप्रेशन, गुस्सा और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इससे स्लीपिंग पैटर्न भी बिगड़ रहा है। चिड़चिड़ापन, भावनात्मक अस्थिरता भी इससे होने वाले नुकसानों में शामिल हैं। ऐसे बच्चे सोशल बॉन्डिंग बनाने में भी पीछे रह जाते हैं।

अन्य खतरे

इनके अलावा कुछ ऐसे दुष्प्रभाव भी हैं, जो साफतौर पर दिखाई नहीं देते, लेकिन बच्चों के विकास पर असर डालने का काम करते हैं। कई सारी रिसर्च बताती है कि फोन पर ज्यादा वक्त बिताने वाले बच्चे उन बच्चों की तुलना में कम समझदार होते हैं, जो फोन पर वक्त नहीं बिताते। इसके अलावा पल-पल मूड चेंज होना, हिंसक होना भी इसके नुकसान हैं।

-एजेंसी


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