NSE की पूर्व CEO सहित 4 अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण से शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने को-लोकेशन मामले में पूछताछ की है। इसी के साथ एजेंसी ने उनके और एक अन्य पूर्व CEO रवि नरेन व पूर्व चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर (COO) आनंद सुब्रमणियन के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। यानी ये तीनों अब देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे।

CBI ने दिल्ली की OPG सिक्योरिटीज के मालिक और प्रमोटर्स संजय गुप्ता को भी को-लोकेशन मामले में आरोपी बनाया है। एजेंसी ने FIR में कहा है कि संजय गुप्ता पहले शख्स थे, जिनको अन्य ब्रोकर्स की तुलना में कुछ सेकेंड पहले एक्सचेंज के सर्वर का एक्सेस मिल जाता था। एजेंसी इसी के साथ सेबी और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ और अधिकारियों की भी जांच कर रही है।

2016 तक NSE में थीं चित्रा

चित्रा NSE में अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक MD थीं। वो वित्त वर्ष 2016 में एक्सचेंज से इस्तीफा देने से पहले फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली दूसरी अधिकारी थीं। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने एक बाबा को एक्सचेंज की खुफिया जानकारी दी। इससे पहले चित्रा के घर पर गुरुवार को इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी। NSE के अफसरों की वित्त मंत्रालय में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के ठीक बाद ही चित्रा के घर पर छापा पड़ा था।

625 करोड़ रुपए का लगा जुर्माना

को-लोकेशन मामले में सेबी ने मई 2019 में NSE पर 625 करोड़ रुपए का फाइन लगाया था। साथ ही इसके 6 महीने तक पैसा जुटाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। चित्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत 1985 में IDBI बैंक में प्रोजेक्ट फाइनेंस से शुरू की थी। NSE जब 1992 में शुरू हुआ, तब से वो इसके साथ थीं।

टॉप पावरफुल महिलाओं में थीं चित्रा

चित्रा 2013 में फॉर्च्यून 50 की लिस्ट में टॉप पावरफुल महिलाओं में शामिल थीं। NSE की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने 2 दिसंबर 2016 को NSE से इस्तीफा दे दिया था। उसके पहले के 8 महीने में उनको सैलरी के रूप में 18 करोड़ रुपए मिले। सेबी ने चित्रा पर 4 दिन पहले ही 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

अज्ञात व्यक्ति चित्रा को देता था सलाह

सेबी ने एक अज्ञात व्यक्ति और चित्रा रामकृष्ण के बीच किए गए ई-मेल का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि दोनों कुछ मौकों पर मिले थे। रामकृष्ण कई वर्षों से अपने महत्वपूर्ण कारोबारी फैसलों में एक बाबा से सलाह ले रही थीं। एक ऐसा बाबा (योगी), जो हिमालय में रहता था और तीन वेदों के नाम वाली एक मेल आईडी का इस्तेमाल करता था।

यह बाबा मेल पर चित्रा रामकृष्ण को निर्देश देता था और फैसले हो जाते थे। खास बात यह है कि चित्रा इस योगी से कभी मिली नहीं, लेकिन वह करीब 20 वर्षों से इस योगी से मेल पर बातचीत कर रही थीं।

पिछले साल भी लगा था जुर्माना

इससे पहले पिछले साल सेबी ने को-लोकेशन मामले में NSE, इसके पूर्व MD और पूर्व CEO पर 1.50 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी। सेबी ने तब 96 पेज के ऑर्डर में कहा कि उसने जनवरी से अगस्त 2015 के दौरान ढेर सारी शिकायतें पाई थीं। यह शिकायत केन फोंग ने की थी। शिकायत को-लोकेशन सुविधा को लेकर थी। को-लोकेशन का मतलब एक-एक ब्रोकर को कुछ सेकेंड पहले कारोबार की सुविधा देने से है, जबकि कुछ लोगों को यही सुविधा कुछ सेकेंड बाद में मिलती थी।

2010-11 के दौरान 624 करोड़ रुपए की कमाई

सेबी ने कहा कि कुछ लोगों को को-लोकेशन सुविधा देकर NSE ने 2010-11 के दौरान 624 करोड़ रुपए का फायदा कमाया। इससे पहले सेबी ने पिछले साल अगस्त में ही चित्रा रामकृष्ण को दिए गए कॉम्पेनसेशन ​​​के मामले में 50 लाख रुपए की पेनाल्टी NSE पर लगाई थी। सितंबर में भी सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना NSE द्वारा 6 कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के मामले में लगाया गया था। NSE पिछले 6 साल से अपना IPO लाने की कोशिश कर रही है। इसके जरिए वह 10 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है, पर सेबी की ओर से इसकी मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है।

-एजेंसियां