केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लगाई गई पाबंदी को टाल दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा। सरकार ने इंडस्ट्री की समस्याओं को देखते हुए यह फैसला किया है। इससे उद्योग को पर्याप्त समय मिल जाएगा। सरकार ने इस बैन को अब एक नवंबर 2023 से लागू किया जाएगा।
कंपनियों को लाइसेंस के बिना इंपोर्ट कंसाइनमेंट को 31 अक्टूबर 2023 तक क्लियर करना होगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) ने कहा कि 1 नवंबर से प्रतिबंधित इंपोर्ट के लिए वैध लाइसेंस की जरूरत होगी। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) ने घोषणा की कि HSN 8471 के तहत कुछ लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात को प्रतिबंधित करने का उसका निर्णय 1 नवंबर 2023 से लागू होगा।
इस वजह से टाला फैसला
सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लगाई गई पाबंदी को ऐसे ही नहीं टाला है। दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान जब लैपटॉप और कंप्यूटर की डिमांड बढ़ गई थी। उस समय इनकी ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई थी। इन सबसे दाम बढ़ गए थे। इस बार भी त्योहारों का समय नजदीक है। त्योहार आने वाले हैं। ऐसे में इन सब सामानों की मांग बढ़ेगी।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार को डर है कि त्योहारों में बैन की वजह से कहीं लैपटॉप, टैबलेट आदि के दाम फिर से न बढ़ने लगे। इनकी ब्लैक मार्केटिंग का शुरू हो जाए। इन्हीं सब को देखते हुए सरकार ने बैन को अभी टाल दिया है, जिससे त्योहारों के दौरान एकदम से अफरा-तफरी न मचे। लोगों को किसी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने की तैयारी
इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा कि इस कदम के पीछे का मकसद ‘विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना, इम्पोर्ट पर निर्भरता को कम करना और इस कैटिगरी के प्रॉडक्ट की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है। इस फैसले में लाइसेंस राज जैसा कुछ भी नहीं है।’ बता दें कि DGFT ने एक पोर्टल तैयार किया है और कंपनियां/व्यापारी लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीद है कि भरी गई डिटेल्स सही होने पर DGFT तीन से चार दिनों के भीतर लाइसेंस जारी कर देगा।
जो भी सौदा पहले हो चुका है और खेप रवाना हो चुका है तो उनके आयात के लिए लाइसेंस के बिना अनुमति दी जाएगी। एक सीनियर सरकारी अफसर ने शुक्रवार को कहा कि लैपटॉप और कंप्यूटर पर लगाए गए आयात पाबंदी से चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को इन डिवाइस को केवल असेंबल करने के बजाय भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने में भी मदद मिलेगी।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘इसके पीछे का इरादा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना और देश के भीतर निवेश आकर्षित करना है ताकि अधिक से अधिक कंपनियां भारत आ सकें और यहां उत्पादन कर सकें। हम चाहते हैं कि आईफोन मॉडल को लैपटॉप और PC (पर्सनल कंप्यूटर) सेगमेंट में दोहराया जाए।’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस फैसले से स्थानीय बाजारों में कीमतें बढ़ेंगी, अधिकारी ने कहा कि ऐसा कुछ होने की उम्मीद न के बराबर है। इनमें से अधिकतर प्रॉडक्ट का आयात चीन से हो रहा है, जिसके कारण उसके साथ व्यापार संतुलन बिगड़ रहा है। इसलिए हम उस व्यापार असंतुलन को दूर करना चाहते हैं। सरकार का जोर आयात के बजाय उत्पादन पर है।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.