चार दिन की भारत यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। मार्लेस ने गुरुवार को कहा कि चीन ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता है क्योंकि वह दुनिया को इस तरह से आकार देना चाहता है जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री मार्लेस ने कहा कि चीन को लेकर भारत की भी ऐसी ही सुरक्षा चिंताएं हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा है।
रूस-चीन का बढ़ता रक्षा सहयोग चिंताजनक
पत्रकारों के एक समूह से चर्चा में रक्षा मंत्री मार्लेस ने चीन व रूस के बीच बढ़ते रक्षा व सुरक्षा सहयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि इस सहयोग का असर इस क्षेत्र पर पड़ सकता है। मार्लेस ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों रक्षा और सुरक्षा संबंधों के विस्तार के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध हैं। उनका देश भारत को अपने वैश्विक दृष्टिकोण के केंद्र में रखता है। ऑस्ट्रेलिया के लिए चीन हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत के लिए भी, लेकिन चीन हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता भी है और ऐसा ही भारत के लिए भी है।
मार्लेस ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया आर्थिक के साथ साथ रक्षा क्षेत्र में भी संबंध बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं ताकि हम दोनों देशों की रक्षा और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और अधिक गहराई से जुड़ सकें।
गलवान संघर्ष को लेकर कही यह बात
मार्लेस ने दो साल पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत चीन की झड़प का जिक्र करते हुए स्पष्ट कहा कि उनका देश भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है। उन्होंने कहा कि चीन अपने आसपास की दुनिया को उन तरीकों से आकार देने की कोशिश कर रहा है जो पहले नहीं देखे गए थे। हम पिछले कुछ वर्षों में चीन के मुखर व्यवहार को महसूस कर रहे हैं।
-एजेंसियां
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