वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम का सर्वे तीसरे दिन भी जारी है. यह सर्वे शुक्रवार और शनिवार को भी किया गया था. इससे पहले वाराणसी की अदालत ने 21 जुलाई को एएसआई को सर्वे करने का आदेश दिया था.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “कल (शनिवार) को पूरे इलाके की टोपोग्राफी समझने के लिए डीजीपीएस मशीन का इस्तेमाल किया गया था. लैंड सर्वे में ये कारगार होती है.”
“पश्चिमी दीवार की डिटेल स्टडी हुई है. वहां से लेकर बैरिकेडिंग तक का जो एरिया था, उसमें जो घास थी उसे हटाया गया. तहखाने थे उसे साफ कराया गया है. बहुत सारा मलबा ठीक करने की कोशिश की जा रही है ताकि उसके बाद जांच की जा सके.”
उन्होंने कहा, “सेंट्रल डोम के नीचे होलो साउंड आ रही है उसे मैंने उठाया है, वहां पर जांच चल रही है. सेंट्रल डोम के नीचे जाने का जो रास्ता बना हुआ है, जिसे आर्टिफिशियल एरिया से कवर किया है, उसे भी प्वाइंट आउट किया गया है.”
वकील विष्णु शंकर ने कहा, “जैसे ही आप बैरिकेटिंग के अंदर जाते हैं तो दाएं तरफ एक तहखाना है. उसे खोला गया. दो तहखाने हैं, एक व्यास जी का है जिसका दरवाजा टूटा हुआ है और एक मुस्लिम पक्ष के कब्जे में तहखाना था उसे भी खोला गया है और जांच चल रही है.”
एएसआई ने 24 जुलाई के दिन पहला सर्वे किया था. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने के लिए कहा.
इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट का फ़ैसला आने तक सर्वे पर रोक लगाई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सर्वे पर रोक लगाने से इंकार किया था. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जहां उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया गया.
पहले एएसआई को चार अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट को जमा करनी थी. मगर अब जब चार अगस्त के दिन सर्वे फिर से शुरू हुआ है तो वाराणसी की अदालत ने एएसआई को नई डेडलाइन देते हुए एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.
Compiled: up18 News
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