भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में आज सोमवार को आरा सिविल कोर्ट में एडीजे–8 के द्वारा सजा सुनाई गई। नामजद मुख्य आरोपी हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्र को आजीवन कारावास टिल डेथ, साथ ही दोनों पर 302 के तहत 85-85 हजार फाइन लगाया गया है। दोनों पर साजिश के तहत हत्या करने के मामले में सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अन्य 5 आरोपियों को 307 के तहत 10 वर्षों की सजा सुनाई गई है। 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
सात आरोपित दोषी पाए गये थे
इस हत्याकांड में कोर्ट ने सात आरोपित को दोषी पाया था जिनमें ब्रजेश मिश्रा, हरेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह शामिल थे। इसमें ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा दोनों सगे भाई है, जो पहले से जेल में बंद थे। वहीं इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में छह आरोपितों को बरी कर दिया था।
12 फरवरी 2016 की देर शाम भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष सह गद्दावर नेता ओझवलिया गांव निवासी विशेश्वर ओझा एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए अपने सफारी गाड़ी सोनवर्षा गांव गए हुए थे। लौटने के दौरान उक्त आरोपित अपने साथियों के साथ सोनवर्षा गांव में पहले से घात लगाकर बैठे हुए थे। जैसे ही विशेश्वर ओझा की गाड़ी गांव से बाहर निकली,अपराधियों ने गाड़ी को रुकवा कर गोलियों से छलनी कर दिया, जिसमें विशेश्वर ओझा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
दो भाइयों सहित कुल 13 लोगों को बनाया गया था आरोपी
इस हत्याकांड के बाद मृतक बीजेपी नेता के परिजनों के द्वारा शाहपुर थाने में कांड संख्या 48/16 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। प्राथमिकी में बृजेश मिश्रा उनके भाई हरीश मिश्रा सहित करीब 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में 402/18 और 390/16 दो सेशन ट्रायल के तहत मुकदमे में सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी बृजेश मिश्रा को 402/18 सेशन ट्रायल में आईपीसी की धारा 302,307 और 27 आर्म्स एक्ट मामले में दोषी पाया था, जबकि हरेश मिश्रा को 390/16 सेशन ट्रायल में आईपीसी की धारा 302,307 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी कर दिया है।
वहीं अन्य पांच अभियुक्त उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा,बसंत मिश्रा, पप्पू सिंह और हरेंद्र सिंह को भाजपा नेता की हत्याकांड में साजिश के तहत शामिल होने के मामले में आईपीसी की धारा 307 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी माना है।
गवाह की भी हो चुकी है हत्या
कारनामेपुर ओपी अंतर्गत सोनवर्षा गांव में 28 सितंबर 2018 की पहले सुबह भाजपा नेता के मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा को उनके घर के समीप ही पशुओं का चारा लाने के समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कमल किशोर मिश्रा के पिता श्रीमन नारायण मिश्र द्वारा गांव के ही पांच लोगों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई थी।
12 फरवरी 2024 को मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या के मामले में आरा कोर्ट द्वारा ट्रायल के बाद कांड के चार आरोपियों उमाशंकर मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, मुक्तेश्वर मिश्र और राज किशोर पाल को दोषी पाते हुए सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। इन पर 302 और आर्म्स एक्ट के तहत सजा सुनाई गई थी।
-एजेंसी
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