‘एमो-इंडिया’ कांफ्रेंस में बोले आर्मी चीफ, पहले भारत अधिकतर एम्युनेशन का आयात करता था लेकिन अब तस्वीर बदल गई है

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इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का सिक्योरिटी-एनवायरनमेंट ग्लोबल और रीजनल डायनेमिक्स से उभरता है. फिर चाहे वो पिछले चार महीने से चल रहा रुस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता और अनिश्चितता हो.

क्यों अहम है सेना के लिए गोला-बारूद?

थलसेना प्रमुख के मुताबिक पिछले दो सालों में पहले कोरोना महामारी हो या फिर लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएसी पर चीन के साथ टकराव, दोनों ही परिस्थितियों बताती हैं कि हमारी सेना के लिए गोला-बारूद क्यों बेहद अहम है इसीलिए गोला-बारूद के उत्पादन में भी भारत को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है.

एम्युनेशन में किन कंपनियों का है स्कोप?

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने कहा कि गोला-बारूद के क्षेत्र में प्राईवेट कंपनियों के लिए भी बड़ा स्कोप है. क्योंकि भारतीय सेना को अलग-अलग तरह के गोला-बारूद की बड़ी संख्या में जरूरत है. हमारे सामने एम्युनेशन की जिम्मेदारी, क्वालिटी और समय से डिलीवरी जैसी चुनौतियां भी हैं. जनरल मनोज ने कहा कि पहले भारत अधिकतर एम्युनेशन का आयात करता था लेकिन पिछले कुछ समय से ये तस्वीर बदल गई है.

-एजेंसी