देश के नेताओं पर भड़के मशहूर क्रिकेटर अर्जुन रणतुंगा, कहा- भारत हमारा बड़ा भाई

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1996 में श्रीलंका को पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप दिलाने वाले कप्तान अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) अपने देश के राजनेताओं पर जमकर भड़के हैं। बुरी तरह कंगाल हो चुका श्रीलंका अपने सबसे विकट वित्तीय संकट से जूझ रहा है। लोग खाने, ईंधन और दवाओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। इन हालातों में रणतुंगा ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को कुर्सी छोड़ने की नसीहत दे डाली। साथ ही पड़ोसी देश भारत की जमकर तारीफ भी की है।

भारत को बताया बड़ा भाई

पूर्व पर्यटन और उड्डयन मंत्री अर्जुन रणतुंगा की मानें तो उनके कार्यकाल में भारत से रिश्ते काफी अच्छे थे। उनका खुद का अनुभव शानदार रहा है। हाल ही में यूनाइटेड नेशनल पार्टी से इस्तीफा देने वाले 58 वर्षीय रणतुंगा ने कहा, ‘मेरे कार्यकाल के दौरान भारत काफी मददगार रहा था। तब श्रीलंका को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर का कर्ज भी दिया था। इस सरकार ने अपने फायदे के लिए पूरे संविधान को बदल दिया। भारत हमारा बड़ा भाई रहा है। पेट्रोल और दवाओं जैसी बुनियादों जरूरतों को वही पूरा कर रहा है।’

कई पूर्व क्रिकेटर्स ने भी उठाई आवाज

22 गज की क्रिकेट पिच पर मिलकर श्रीलंका को ढेरों सफलताएं दिलाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाजों महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा ने भी देश के राजनेताओं पर हमला बोला था। टीम के इन दोनों के पूर्व साथी और अपने समय के आईसीसी के शीर्ष मैच रैफरी में से एक रोशन महानामा भी सड़कों पर उतरे। आईपीएल फ्रैंचाइजी पंजाब किंग्स की ओर से खेल रहे भानुका राजपक्षे ने कहा, ‘मैं मीलों दूर हूं लेकिन मैं श्रीलंका के अपने साथी लोगों की नाराजगी महसूस कर सकता हूं क्योंकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है।’

श्रीलंका में सड़कों पर उतरे लोग

बद से बदतर हालात के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से लगातार इस्तीफे मांगा जा रहा है, लेकिन वह पद पर बने हुए हैं। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पुलिस विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल का इस्तेमाल कर रही है। इस बीच श्रीलंका की सरकार ने यह भी कह दिया कि राष्ट्रपति राजपक्षे किसी भी हालत में इस्तीफा नहीं देंगे और वह मौजूदा मुद्दों का सामना करेंगे।

-एजेंसियां


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