गाजीपुर। मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ 19 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसरी चट्टी गोली कांड की सुनवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है तो दूसरी तरफ मुहम्मदाबाद कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर मृतक मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने दर्ज कराई है। मनोज राय की मौत उसरी चट्टी गोलीकांड के दौरान होने की बात तब सामने आई थी, जब 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था। खुद के ऊपर हमला किए जाने के मामले में मुख्तार अंसारी की ओर से दी गई तहरीर में मनोज को हमलावरों में से एक बताया गया था।
मुहम्मदाबाद कोतवाली पुलिस के अनुसार बक्सर के रहने वाले शैलेंद्र कुमार राय ने अपने बेटे मनोज राय की हत्या का जिम्मेदार मुख्तार अंसारी को ठहराया है। यूपी सीएम, यूपी डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को लिखित शिकायती पत्र भी दिया था। इसी पत्र का संज्ञान लेते हुए शासन की ओर से मिले दिशा निर्देश पर मुख्तार अंसारी और अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर आईपीसी की धारा 147,148, 149 और 302 के तहत दर्ज की गई है। अपने पत्र में शैलेंद्र राय ने इस बात का जिक्र किया था कि उनके बेटे मनोज राय की मौत उसरी चट्टी गोलीकांड में नहीं हुई थी, बल्कि उनके बेटे को मुख्तार अंसारी ने अपने सहयोगियों के मिलकर मारा था। बाद में इस मौत को उसरी चट्टी कांड से जोड़ दिया गया।
मुख्तार अंसारी को गोली क्यों नहीं लगी?
शैलेंद्र राय के अनुसार उनके बेटे मनोज राय मुख्तार अंसारी के साथ ठेका पट्टी का काम करते थे। बाद में जब मनोज राय ने अलग होकर काम करने की मंशा जताई तो दोनों के विवाद दोनों के बीच विवाद उपजा। बाद के दिनों में दोनों ने अपने बीच की खाई को कम करते हुए समझौता कर एक साथ काम करने पर सहमति बनाई। इस बीच 14 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने कुछ साथियों के साथ मनोज को उसके घर से किसी काम का हवाला देते हुए साथ लेकर गए। बाद में मनोज की हत्या कर दी गई और मनोज की हत्या को उसरी गोलीकांड से जोड़ दिया गया।
शैलेंद्र राय के अनुसार अगर उनके बेटे मनोज राय ने उसरी चट्टी गोलीकांड में शामिल रहते हुए सामने से मुख्तार अंसारी पर गोली चलाई थी तो सामने की सीट पर बैठे मुख्तार को गोली क्यों नहीं लगी। गोली पीछे बैठे गनर को कैसे जा लगी।
कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
उसरी चट्टी गोलीकांड का विचरण गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था। इस दौरान आरोपियों में से एक त्रिभुवन सिंह की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए उसरी चट्टी कांड गोलीकांड केस के लोअर कोर्ट में विचरण पर स्टे लगा दिया है। याचिकाकर्ता त्रिभुवन सिंह ने अपनी याचिका में इस बात का जिक्र किया था कि मुख्तार अंसारी के भाई वर्तमान में सांसद हैं। मुख्तार के बेटी और भतीजे विधायक हैं। मुख्तार का पूरा परिवार राजनीतिक रसूख रखने वाला है। ऐसे में गाजीपुर कोर्ट में उसरी गोली कांड का विचारण निष्पक्ष रूप से नहीं हो पाएगा। इस मामले को गाजीपुर कोर्ट से स्थानांतरित कर किसी अन्य जनपद के न्यायालय में कर दिया जाए। इसी प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और मुख्तार अंसारी को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा है।
प्रचार के लिए जा रहा था मुख्तार अंसारी
15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था। मुख्तार अंसारी अपने पैतृक आवास मुहम्मदाबाद से अपनी कौन विधानसभा मऊ जा रहा था, उस समय वह मऊ सदर से विधायक था। स्थानीय निकाय चुनाव में वह अपनी ओर से कंटेस्ट कराए जा रहे उम्मीदवारों के प्रचार के लिए जा रहा था। इस दौरान रास्ते में उसरी चट्टी पर ऑटोमैटिक हथियारों से लैस लोगों ने उसके काफिले पर हमला कर दिया था। मुख्तार अंसारी की ओर से खुद पर हमले को लेकर दी गई तहरीर के अनुसार हमलावरों में से एक मनोज राय भी थे।
Compiled: up18 News
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