आगरा सात मकानों के ढहने का मामला: धर्मशाला के ट्रस्टी, बिल्डर और ठेकेदार गिरफ्तार

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आगरा: थाना कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार की सुबह हुई सात मकानों के ढहने की घटना में पुलिस ने शुक्रवार की अल सुबह निकट बनी धर्मशाला के ट्रस्टी राजू मेहरा और बिल्डर हरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले पुलिस ने गुरुवार रात को ही ठेकेदार राघवेंद्र उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया था।

इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मृत बच्ची के परिजनों को दो लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर स्वीकृत की है और घायलों के सरकारी खर्चे पर उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुआवजा राशि का चेक पीड़ित परिवार को सौंपा।

गौरतलब है कि सिटी स्टेशन रोड पर सातों मकानों के निकट बनी पुरानी धर्मशाला में बेसमेंट की खुदाई के कारण टीले पर मकानों में दरार आ गई थी और सात मकान भरभराकर गिर गए थे। मलबे में दबकर चार साल की बच्ची की मौत हो गई। दो अन्य घायल हो गए थे।

हादसे के एक दिन पहले ही मनाया था मासूम का जन्मदिन

धर्मशाला में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करके बेसमेंट की खुदाई के कारण यहां सिटी स्टेशन रोड पर आज गुरुवार की सुबह चार साल की रुसाली को अपनी जान गंवानी पड़ी। एक दिन पहले उसने केक काटकर धूमधाम से अपनी बहन का जन्मदिन मनाया था। परिवार में खुशियां थीं। सुबह ही उसे दादा छत से लेकर अपने कमरे में लाए थे। धमक की वजह से पहले ही मकान में दरार आ गई थी। वह मकान खाली करने की तैयारी कर रहे थे। तभी हादसा हो गया।

बेटी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। लोग यही कह रहे हैं कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

टीला माईथान में मुकेश शर्मा परिवार सहित रहते हैं। वह प्राइवेट नौकरी करते हैं। बेटा विवेक फाइनेंस कंपनी में काम करता है। घर में मुकेश की पत्नी मालती देवी, बेटा विवेक, पुत्रवधु प्राची शर्मा, नातिन वैदेही, रुसाली और साले का लड़का गौरव रह रहे थे। मुकेश का परिवार भी घर खाली करने की तैयारी कर रहा था। सामान पैक कर लिया था। उन्हें पहले ही आशंका थी कि मकान गिर सकता है।

गुरुवार को किराए पर लिए मकान में सभी सामान शिफ्ट करते, इससे पहले ही हादसा हो गया। वैदेही, रुसाली को मुकेश सुबह ही छत से उतार कर नीचे लाए थे। इसके बाद मालती, प्राची, मुकेश और गौरव सामान बाहर रख रहे थे। तभी हादसा हुआ। उनके घर का पिछला हिस्सा गिर गया। बेटा और नातिन दब गए। विवेक और वैदेही को आधा घंटे बाद ही बाहर निकाल लिया गया था। रुसाली को एक घंटे बाद मलबे से निकाला गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, यहां उसकी मौत हो गई।

ADA की लापरवाही आयी सामने

इस मामले में आगरा विकास प्राधिकरण की भी लापरवाही सामने आई है। बिना नक्शा पास कराए ही धर्मशाला के बेसमेंट में खुदाई कराई जा रही थी। काम रोकने का कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था। गुरुवार को हादसे के बाद एडीए के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और हड़बड़ी में राजू मेहरा नाम के ही किसी अन्य व्यक्ति को नोटिस थमा कर चले गए। उस आदमी ने एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह से इसकी शिकायत की तो एडीए की करगुजारी का पता चला। कहा जा रहा है कि एडीए कर्मियों ने बैकडेट में नोटिस बना कर हड़बड़ी में गलत आदमी को थमा दिया।