चीन को अब उसके घर में ही घेरने की तैयारी, क्‍वाड सदस्‍य देशों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्‍यास करने जा रहा है अमेरिका

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ताइवान से लेकर लद्दाख तक आंखें दिखा रहे चीनी ड्रैगन को अब उसके घर में ही घेरने की तैयारी शुरू हो गई है। अमेरिका क्‍वाड सदस्‍य देशों के साथ प्रशांत महासागर में दक्षिण चीन सागर के पास दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्‍यास करने जा रहा है। रिमपैक कहे जाने वाले इस महाभ्‍यास में दुनिया के 26 देश हिस्‍सा लेंगे। यह अभ्‍यास इस महीने के आखिर में होगा और भारतीय नौसेना भी इसमें अपनी जोरदार ताकत का प्रदर्शन करेगी। इस अभ्‍यास की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 38 युद्धपोत, 4 सबमरीन और 170 से ज्‍यादा विमान हिस्‍सा लेंगे।

अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी करके कहा कि रिम ऑफ पैसफिक या रिमपैक नौसैनिक अभ्‍यास 29 जून से 4 अगस्‍त तक होने जा रहा है। इस अभ्‍यास में 9 देशों की जमीनी सेना समेत कुल 25000 सैनिक हिस्‍सा लेंगे। यह अभ्‍यास सबसे पहले साल 1971 में हुआ था। ताजा अभ्‍यास दक्षिणी कैलिफोर्निया और हवाई द्वीप समूह के आसपास समुद्र में किया जाएगा। इस अभ्‍यास का आयोजन अमेरिकी नौसेना के प्रशांत महासागर बेडे़ के कमांडर ने किया है। इसमें दुनियाभर के अमेरिकी सहयोगी और पार्टनर देश हिस्‍सा लेंगे।

चीन के सभी दुश्‍मनों को अमेरिका ने बुलाया

अभ्‍यास में भारत, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया भी हिस्‍सा लेंगे जो क्‍वाड के सदस्‍य देश हैं और चीन इसे ‘एशियाई नाटो’ बुलाता है। क्‍वाड का गठन हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीनी ड्रैगन की बढ़ती दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए किया गया है। इस नौसैनिक अभ्‍यास में दक्षिण चीन सागर से सटे 5 देश सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई और फिलीपीन्‍स भी हिस्‍सा लेंगे। इसमें प्रशांत द्वीपीय देश टोंगा भी हिस्‍सा लेगा जहां पर चीन सुरक्षा समझौता करके अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

अमेरिकी नौसेना ने अपने बयान में कहा कि जो लोग रिमपैक में हिस्‍सा ले रहे हैं, वे व्‍यापक स्‍तर पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। साथ नौसैनिकों में व्‍याप्‍त लचीलेपन को दिखाएंगे। इसके अलावा आपदा राहत और समुद्री सुरक्षा अभियान से लेकर जटिल युद्धकौशल को भी परखा जाएगा। अभ्‍यास के दौरान समुद्र के रास्‍ते जमीन पर हमला करने, तोपों से गोले बरसाने, मिसाइल फायरिंग, सबमरीन रोधी अभियान और हवाई रक्षा प्रणाली का भी अभ्‍यास किया जाएगा। इस अभ्‍यास का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्‍त और खुला बनाना है।

अमेरिका ने चीनी नौसेना को न्‍योता नहीं दिया

चीन की नौसेना ने साल 2014 में रिमपैक अभ्‍यास में पहली बार हिस्‍सा लिया था लेकिन साल 2018 में अमेरिका ने चीनी नौसेना को न्‍योता नहीं दिया। अमेरिका ने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर तेजी से सैन्‍य तैयारी कर रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक यह अभ्‍यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब अमेरिका चीन के साथ मोर्चा लेने के लिए अपने गठबंधन को मजबूत बनाने में लगा हुआ है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्‍ट्रेलिया ने नया सैन्‍य समझौता ऑकस किया है ताकि चीन के प्रभाव को कम किया जा सके। उधर, क्‍वाड ने भी ऐलान किया है कि वह चीन के जहाजों पर सैटलाइट से नजर रखेगा।

-एजेंसियां


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