आगरा: मुड़िया पूर्णिमा मेले से आगरा रेल मंडल के साथ-साथ आगरा रोडवेज विभाग को भी काफी फायदा पहुंचा है। यह मेला दोनों विभागों को आर्थिक संजीवनी दे गया है। मुड़िया पूर्णिमा मेले से अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होने से रोडवेज और रेलवे के अधिकारी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि 1 हफ्ते तक चले इस मेले से विभाग को कुछ हद तक संजीवनी मिल गई है।
आगरा रेल मंडल ने प्राप्त किया 1करोड़ 70 लाख रुपए का राजस्व
आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रस्तुति श्रीवास्तव ने बताया कि मुड़िया पूर्णिमा मेला 8 जुलाई से 15 जुलाई तक चला। कोरोना संक्रमण के 2 साल बाद पहली बार यह मेला आयोजित हो रहा था इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना थी। इसीलिए आगरा रेल मंडल ने भी श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्थाएं कर रखी थी। कई स्पेशल ट्रेन मथुरा के लिए चलाई गई।
कई के स्टॉपेज बढ़ाये गए तो वहीं कई ट्रेनों की दूरियां भी बढ़ाई गई जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के मथुरा पहुंच सके। भारी संख्या में यात्रियों ने ट्रेन से सफर किया और इसी के कारण आगरा रेल मंडल ने इस हफ्ते भर में एक करोड़ 70 लाख रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त किया।
दो लाख से अधिक पैसेंजर पहुंचे मथुरा
आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि 8 जुलाई से 15 जुलाई के बीच दो लाख से अधिक पैसेंजर ट्रेनों के माध्यम से मथुरा पहुंचे थे। यात्रियों और श्रद्धालुओं ने मथुरा पहुंचने के लिए ट्रेनों का उपयोग किया। आगरा रेल मंडल ने भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाया था जिससे यात्री सुगमता के साथ सफर कर सका।
रोडवेज विभाग को भी मिली आर्थिक संजीवनी
आगरा रोडवेज परिवहन विभाग ने भी मुड़िया पूर्णिमा मेले से खूब आर्थिक लाभ कमाया। इस मेले के दौरान आगरा रोडवेज ने लगभग एक करोड 64 लाख का राजस्व प्राप्त किया है 1 हफ्ते तक चले इस मेले में आगरा रेल मंडल ने भी श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में बसे लगाई थी इसी का नतीजा रहा कि इतनी बड़ा राज्य से रोडवेज को प्राप्त हुआ।
आगरा रोडवेज के प्रबंधक ने बताया कि कोरोनावायरस के बाद आगरा का रोडवेज विभाग भी आर्थिक मंदी से जूझ रहा था बसों में यात्री सफर कर रहे थे लेकिन इतनी संख्या में नहीं एक हफ्ते में इस मेले ने विभाग को आर्थिक संजीवनी दी है।
400 से अधिक बसों का लगा बेडा-
आगरा रोडवेज विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक अशोक सिंह ने बताया कि मुड़िया पूर्णिमा मेले में लगभग 400 से अधिक बसों का बेड़ा लगाया गया था इसके साथ-साथ अन्य रीजन से भी काफी संख्या मैं बसी लगाई गई थी जिसके कारण श्रद्धालुओं को मथुरा पहुंचने में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा ।