पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट के साथ एंग्जाइटी-डिप्रेशन की परेशानी को भी दूर करने में मददगार है फैशन थेरेपी

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आर्ट थेरेपी, कलर थेरेपी, म्यूजिक थेरेपी या रिटेल थेरेपी तो सुना ही है अब अगर फैशन थेरेपी को आसान भाषा में समझें तो यह थेरेपी बिहेवियर और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर को ठीक करने में मदद करती है। फैशन थेरेपी में कपड़ों और एसेसरीज के जरिए ड्रेसिंग स्टाइल में बदलाव लाकर पर्सनैलिटी में सुधार लाने की कोशिश की जाती है। इतना ही नहीं ये एंग्जाइटी-डिप्रेशन को भी कम करने में मददगार है।

फैशन के लिए कभी भी आपको कोई डीप नौलेज की’आवश्यकता नहीं होती लेकिन जब आपको अपनी एक सही प्रेजेंटेशन और पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हो तो आपको इसके लिए फैशन थेरपी लेने की आवश्यकता हो सकती है इसके लिए फैशन थेरेपिस्ट अपने क्लाइंट की पसंद-नापसंद को समझते हैं। वे व्यक्ति से पूछते हैं कि पूरे हफ्ते किस मौके पर किस स्टाइल और किस रंग के कपड़े पहने। इनसे जो हमारी पर्सनैलिटी बनती है और जैसा अपीयरेंस होता है फैशन थेरेपिस्ट उन सबका एनालिसिस करते हैं।

ऑफिस में क्या पहनें कि आत्मविश्वास झलके, मींटिग्स में सब आपकी बात ध्यान से सुनें, पार्टी में सबकी नजर आप पर टिके, आप स्मार्ट दिखे उसके लिए फैशन थेरेपी दी जाती है जिस तरके से म्यूजिक थेरेपी में खास किस्म का संगीत सुनाया जाता है और रिटेल थेरेपी में शॉपिंग के जरिए आपकी एंग्जाइटी, स्ट्रेस, डिप्रेशन को दूर किया जाता है।

ठीक उसी प्रकार फैशन थेरेपी में भी कपड़े और एसेसरीज के जरिए व्यक्ति की मनोदशा को सुधारने की कोशिश की जाती है। जिसके बाद इस ट्रीटमेंट को लेकर व्यक्ति अपना आत्मविश्वाश बढ़ा सकता है।