पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में सभी चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा

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कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सौम्या विश्वनाथन का 30 दिसंबर 2008 को दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर हत्या कर दी गई थी. दोषियों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया जब सौम्या नाइट शिफ्ट करके अपने घर वापस लौट रही थीं.

पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि सौम्या की हत्या मकसद लूटपाट था. कोर्ट के आदेश के बाद से हत्याकांड के सभी आरोपी मार्च 2009 से ही जेल में हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया था.

पुलिस पूछताछ में पता चला था कि घटना को अंजाम देते वक्त सभी शराब के नशे में भी थे. इन्होंने जैसे ही विश्वनाथन को अकेले गाड़ी चलाते हुए देखा उनकी कार के पीछे लग गए. पहले तो कार को रोकने की कोशिश की, लेकिन जब सौम्या ने कार नहीं रोकी तो रवि कपूर ने फायरिंग कर दी. गोली जाकर सीधे सौम्या को लग गई.

सौम्या को गोली लगते ही सभी भाग खड़े हुए. इसके बाद एक बार फिर से सभी घटनास्थल पर जायजा लेने पहुंचे थे तब वहां पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई थी. पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए फोरेंसिक सबूत इकट्ठा किए और फिर कई महीने बाद उन तक पहुंचने में सफलता मिली.

– एजेंसी