विरोध के चलते अक्षय कुमार की फिल्म ‘पृथ्वीराज’ का नाम बदला

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अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म पृथ्वीराज का नाम बदल गया है। यश राज फिल्म स्टूडियो ने करणी सेना के भारी विरोध के चलते फिल्म के टाइटल का नाम अब सम्राट पृथ्वीराज करने का फैसला लिया है। फिल्म तीन जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
रिलीज होने से पहले ही फिल्म विवादों में फंस गई।

करणी सेना ने यशराज स्टूडियो से फिल्म का नाम बदलने की मांग की थी। करणी सेना चाहत थी कि फिल्म का नाम पृथ्वीराज की जगह सम्राट पृथ्वीराज हो। यशराज स्टूडियो ने करणी सेना की बात मान ली है और फिल्म का नाम बदलने का फैसला कर लिया है।

पृथ्वीराज में बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार मुख्य पृथ्वीराज के किरदार में नजर आने वाले हैं जबकि मानुषी छिल्लर संयोगिता का किरदार निभा रही हैं। यह उनकी डेब्यू फिल्म भी है। ये ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म 3 जून 2022 को हिंदी, तमिल और तेलुगु सहित दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

स्पेशल स्क्रीनिंग में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

फिल्म निर्देशक ने गृह मंत्री के फिल्म की स्क्रीनिंग में शामिल होने की जानकारी देते हुए कहा कि ये हमारे लिए सम्मान की बात है कि हमारे देश के माननीय गृह मंत्री अमित शाह, भारत माता के सबसे बहादुर सपूतों में से एक सम्राट पृथ्वीराज चौहान के गौरवशाली जीवन पर महाकाव्य गाथा का गवाह बनने जा रहे हैं। जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान दिया। गृह मंत्री 1 जून को होने वाली स्पेशल स्क्रीनिंग में पृथ्वीराज को देखेंगे।

चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म मेकर्स की पूरी टीम जोर-शोर से फिल्म के प्रमोशन में जुटी हुई है। समाचार एजेंसी आईएनएस की रिपोर्ट के अनुसार इस फिल्म को दर्शकों के लिए आनंद से भरपूर बनाना काफी चुनौतीपूर्ण था। सम्राट पृथ्वीराज चौहान को भारत के शासक के रूप में चुना गया और दिल्ली उनकी राजनीतिक राजधानी बन गई। इसलिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण था कि हमने 12वीं शताब्दी की दिल्ली, अजमेर और कन्नौज को फिर से बनाएं, जिससे लोगों को प्रामाणिक रूप से ये दिखाया जा सके कि उनके शासनकाल में ये शहर कितने शानदार थे।

फिल्म के सेट के बारे में बात करते हुए निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि आदित्य चोपड़ा ने दिल्ली, अजमेर और कन्नौज को फिर से बनाने का सबसे कठिन काम अपने पास रखा था। मैं पूरी सेट-डिजाइन टीम को इस विशाल सेट का सफल निर्माण के लिए बधाई देता हूं। इन शहरों के निर्माण के लिए 900 मजदूरों ने लगभग आठ महीने तक कड़ी मेहनत की, जो हम सभी के लिए एक चमत्कार था। सेट के निर्माण के लिए असली संगमरमस का इस्तेमाल किया गया था।

-एजेंसियां