लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों ने तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू कर दी है। बता दें कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से मुलाकात की।
अखिलेश यादव की ममता बनर्जी के साथ हुई मुलाकात को तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों नेताओं की मुलाकात की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। जिसमें तृणमूल सुप्रीमो और सपा प्रमुख एक-दूसरे का सम्मान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस मुलाकात के क्या हैं मायने?
हाल ही में ममता बनर्जी की पार्टी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी मार्च से दूरियां बनाई थी और अब अखिलेश यादव का बयान भी यह दर्शा रहा है कि सपा ने कांग्रेस से दूरी बनाने का मन बना लिया है। दरअसल, अखिलेश यादव ने कोलकाता में कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों से बराबर दूरी बनाकर रखेगी।
दीदी के साथ दृढ़ता से खड़ी रहेगी सपा
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ दृढ़ता से खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में हम ममता दीदी के साथ हैं। इस समय हमारा रुख है कि हम भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी रखना चाहते हैं।
इससे पहले कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए ममता बनर्जी की सराहना की।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी हमारे संविधान को बचाने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार है। अगर हम उत्तर प्रदेश में भाजपा को हरा सके, तो भाजपा को पूरे देश में हराया जा सकता है। उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर देश की संपत्तियों को विदेशी शक्तियों और निजी क्षेत्र को बेचने का आरोप भी लगाया।
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