लंबे समय से आंखों द्वारा देखी गई इमेज पर भरोसा करना मुश्किल रहा है। जब से फोटाग्राफी अस्तित्व में है तब से फोटो फर्जी बनाए जा रहे हैं। उनमें जोड़-तोड़ होती है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण एक्सपर्ट्स को भी कई बार असली और नकली के बीच फर्क करने में मुश्किल होने लगी है। एआई की तेज रफ्तार ने खतरे की घंंटी बजाई है।
टेक्नोलॉजी कंपनियां, रिसर्चर्स, फोटो एजेंसियां और न्यूज आर्गेनाइजेशन कंटेंट के स्रोत और स्वामित्व के लिए स्टैंडर्ड तय करने की कोशिश में जुटे हैं। एआई से इमेज बनाकर ट्रेडमार्क और कॉपीराइट कानून तोड़ने के मामले बढ़ रहे हैं। टेक्नोलॉजी ने गलत सूचनाएं फैलाने की गति तूफानी कर दी है। उसके जरिये राजनीतिक विभाजन गहरा किया जा रहा है। तानाशाह सरकारों ने अपने राजनीतिक लक्ष्य पूरे करने के लिए असली लगने वाले न्यूज ब्रॉडकास्टर क्रिएट कर लिए हैं। पिछले माह लोग पोप फ्रांंसिस को भड़कीली जैकेट में देखकर स्तब्ध रह गए थे। उत्तर पश्चिम पेसिफिक में भयावह भूकंप की तस्वीरें जारी कर दी गई थी। जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। ये इमेज पॉपुलर इमेज जनरेटर मिड जर्नी का इस्तेमाल कर बनाई गई थीं। पिछले मंगलवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मैनहटन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के ऑफिस में आ रहे थे तब रेडिट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाई इमेज में एक्टर बिल मरे को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के रूप में काम करते दिखाया गया था।
एक अन्य इमेज में ट्रम्प को अमेरिकी झंडे थामे भारी भीड़ के सामने चलते दिखाया गया था। यह फर्जी इमेज टि्वटर पर शेयर की गई थी। विशेषज्ञों को आशंका है कि टेक्नोलॉजी से मीडिया, सरकार और सोसायटी में भरोसा कम होगा। ब्लैकबर्ड एआई कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव वासिम खालिद कहते हैं, एक दिन ऐसा आएगा जब इंटरनेट से विश्वास उठ जाएगा। सैनफ्रांसिस्को की एआई लैब मिडजर्नी के प्रोग्राम का नया वर्जन शरीर के हाथों जैसे अंगों को एकदम असली रूप में दिखाता है। ब्रिटिश पत्रकार इलियट हिगिन्स ने मिड जर्नी प्रोग्राम से ट्रम्प की गिरफ्तारी, मुकदमे, नारंगी जम्प सूट में कैद में रखने और सीवर से भागने का काल्पनिक दृश्य बनाया था।
हिगिन्स इन्वेस्टिगेटिव आर्गेनाइजेशन बिलिंगकेट के फाउंडर हैं। हिगिन्स ने एआई टूल की ताकत की तरफ लोगों का ध्यान खींचने के लिए एेसा किया था। जनरेटिव एआई से नकली वीडियो बनाना भी आसान हुआ है।
नकली फोटो, लोगो और बुक भी बनाई
ट्रेड मार्क और कॉपीराइट कानून तोड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। एआई से बनी इमेज के जरिये टीवी, रेडियो नेटवर्क एनबीसी के पीकॉक लोगो और कोकाकोला के लोगो क्रिएट कर लिए गए। यूएस कॉपीराइट ऑफिस ने कॉमिक बुक जरया ऑफ द डान के टेक्स्ट को कॉपीराइट सुरक्षा दी है।
मिडजर्नी ने इसकी इमेज जारी कर दी थी। फरवरी में गेटी इमेजेस ने स्टेबिलिटी एआई पर कैप्शन और मेटाडेटा के साथ गेटी के एक करोड़ 20 लाख से अधिक फोटो की अवैध कॉपी करने के आरोप में मुकदमा दायर किया है।
Compiled – up18 News
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