आगरा: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्रों को बड़ी ही सावधानी के साथ बनाने का दावा किया था. इसके बावजूद भी नकल को रोकने में विश्वविद्यालय विफल साबित हुआ. विश्वविद्यालय द्वारा सीसीटीवी कैमरे बंद करने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया लेकिन यह जुर्माना का नकल कराने वालों पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है.
नकल को रोकने को लेकर औटा द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन कर कई सवाल खड़े किए गए थे. विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्र पर निगरानी के लिए आईआईटी में कंट्रोल रूम भी बनवाया इसके साथ ही कैमरे बंद करने वालों पर प्रतिदिन ₹20000 का जुर्माना भी लगाया गया. इन सब प्रयासों के बाद भी नकल माफियाओं पर कोई असर नहीं दिखा.
टैंट की कुर्सियों पर बैठकर छात्र कर रहे नकल
विश्वविद्यालय का दावा था कि परीक्षा केंद्र बनाने से पहले सभी का भौतिक सत्यापन कर दिया गया है. इसके बावजूद भी किरावली स्थित महाराणा प्रताप कॉलेज में कंट्रोल रूम से टैंट की कुर्सी पर बैठकर ऑनलाइन निगरानी में नकल का मामला सामने आया. मामला 30 अगस्त की प्रथम पाली में राजनीतिक शास्त्र परीक्षा थी जब विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम से कॉलेज के सीसीटीवी चेक किए गए तो अलग ही नजारा देखने को मिला. एक कमरे में टेंट की कुर्सियों पर बैठकर परीक्षा कराई जा रही थी और झुंड में बैठकर परीक्षार्थी आपस में नकल कर रहे थे.
परीक्षा नियंत्रक ने कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन
विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. नकल माफिया नकल करने का कोई न कोई तरीका ढूंढ ही लेते हैं. लेकिन विश्वविद्यालय नकल के मामले पर सख्ती से कार्रवाई करने की बात कह रहा है. परीक्षा नियंत्रक डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि हमारे कंट्रोल रूम से एक कॉलेज में नकल का मामला सामने आया है जिस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
-एजेंसी