आगरा: एक कर्तव्य संस्था ने सरकार की प्राथमिक विद्यालय की सूरत और सीरत दोनों ही बदल दी है। काफी समय से अपने जीर्णोद्धार की राह देख रहा यह प्राथमिक विद्यालय अब ट्रेन की बोगियों में तब्दील हो गया है। इस विद्यालय को देखकर कहा नहीं जा सकता कि यह विद्यालय है या फिर ट्रेन। विद्यालय के सामने बना बगीचा सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
बलकेश्वर का यह प्राथमिक विद्यालय काफी समय से दयनीय स्थिति में था। स्कूल प्रशासन लगातार इसके जीर्णोद्धार की मांग कर रहा था लेकिन सरकार की ओर से बजट ही नहीं मिल रहा था। इस स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। ऐसे में सरकार को तो इस विद्यालय की सुध नहीं आई लेकिन एक एनजीओ ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। एक कर्तव्य संस्था की ओर से स्कूल को गोद लिया गया और स्कूल में जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया। स्कूल की बिल्डिंग को आकर्षित बनाने के लिए बिल्डिंग को ट्रेन के डिब्बे का स्वरूप दे दिया। अब स्कूल की कक्षाएं एक्सप्रेस वन टू थ्री बन गई है।
एक पहल संस्था की ओर से इस विद्यालय को अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया गया है। शौचालय का निर्माण किया गया है तो वहीं पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। शौचालय की स्थिति ठीक न होने से बालक बालिकाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था तो वहीं पेयजल की भी समस्या बरकरार बनी हुई थी। संस्था की ओर से अब इन दोनों समस्याओं का भी समाधान कर दिया गया है।
बल्केश्वर के प्राथमिक विद्यालय के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो जाने के बाद एक पहल संस्था की ओर से इस स्कूल का उद्घाटन मंगलामुखियों से कराया गया। स्कूल का उद्घाटन करके मंगलामुखी भी काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि पहली बार उन्हें इस तरह का सम्मान मिला है।
मंगलामुखी समाज की ज्योति, जहान्वी और शालू ने समाज के विकास के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अन्य संस्थाओं व समाजसेवियों को भी सरकारी स्कूलों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। जिससे जरूरमंद बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध हो सके।
स्कूल की प्रधानाचार्य नीता गुप्ता ने एक कर्तव्य संस्था के प्रयास की सराहना की और उन्हें धन्यवाद भी दिया। उनका कहना था कि काफी समय से इस स्कूल को जीर्णोद्धार की आवश्यकता थी लेकिन यह कार्य एक कर्तव्य संस्था ने किया। आज एक कर्तव्य संस्था के इस प्रयास से स्कूल की सूरत और सीरत दोनों ही बदली है जिसके बाद क्षेत्र के बच्चे भी अब इस स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं। जिसके चलते स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है।
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